अराबल्ली जिला मुख्यालय (गुजरात) में आदिवासियों का प्रदर्शन;

अराबल्ली जिला मुख्यालय मोडासा(Modasa) में वनाधिकार के लिए आदिवासियों का प्रदर्शन;


नए वन कानून खारिज करने की मांग!!


अराबल्ली जिला(मोडासा) मुख्यालय पर 20-9-2019 को भाकपा माले और सीपीएम की एक संयुक्त रैली व आम सभा की आयोजन किया गया। कॉरपोरेट परास्त मोदी सरकार द्वारा लाये जा रहे नए "भारतीय वन कानून-2019" का  विरोध करने के लिए आदिवासियों को गोलबंद करते हुए यह प्रदर्शन की आयोजन किया गया।


आदिवासियों ने कहा कि उनके लंबे संघर्ष की बदौलत हासिल किया गया आदिवासी वन अधिकार कानून 2005 को निरस्त करने की साजिश मोदी सरकार द्वारा की जा रही है। नए "भारतीय वन कानून-2019" के नाम पर मोदी सरकार द्वारा जिस कानून को लाने की बात की जा रही है उस पर संसद में अभी तक कोई चर्चा तक नहीं हुई है। कुछ राज्य में तो भाजपा सरकार द्वारा पिछले दरवाजे से इसे लागू करने की कोशिस चला रही है, खासकर गुजरात राज्य में!!


इस कानून के बन जाने से वन विभाग के अधिकारियों के हाथों बेलगाम(unlimited) अधिकार मिल जाएगा। इसी कारण आदिवासियों पर इनका अत्याचार भी बढ़ेगा। वन उत्पादों से आदिवासी बंचित हो जाएंगे, सूखी लकड़ी, शाल या तेंदू पत्ता आदि तक भी उन्हें नसीब नही होगा। यहां तक की उनके पशुओं के चाराने पर भी रोक लग जायेगी। इसका उल्लंघन पर पहली बार रु. 10000/- से 50000/- तक और अगली बार रु.100000/-तक कि जुर्माना उन्हें भरना पड़ेगा। उनका अलग से Lockup और रेंजर कोर्ट भी बनाने की भी योजना है। दरअसल यह आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन से पूरी तरह बंचित कर देने की साजिश है और पर्यावरण का नुकसान तो अलग ही हैं।


दूसरी ओर कॉर्पोरेट घराने को मुंह मांगे कीमतों पर जंगलों की जमीन, लकड़ी, वन्य उत्पाद, खनिज दिया जा रहा है और पर्यावरण संबोधित नियमों की खुले उल्लंघन की छूट उन्हें मिल रही हैं।


इस रैली में मुख्यतः निम्न माँगों को उठाया गया:-
1.आदिवासी वन अधिकार कानून - 2005 को पूरे तौर पर लागू किया जाय;
2.नए "भारतीय वन कानून-2019" लाने की साजिश बंद करो;
3.वनों को कॉर्पोरेट हाथों में सौपना बंद करो;
4.पर्यावरण नियमों का उल्लंघन पर रोक लगाओ;


उपरोक्त माँगो को लेकर लाल झंडों से सजी रैली मोडासा बाजार की अप्सरा सिनेमा के सामने से निकलकर नगर के प्रमुख रास्तों से गुजरते हुए टाउन हॉल के सामने एक सभा मे तब्दील हो गई।
सभा को भाकपा माले के पोलित ब्यूरो  सदस्य कामरेड प्रभात कुमार, गुजरात के प्रभारी रंजन गांगुली, aicctu नेता व सावरकंठा जिला सचिब दशरथ सिंहाली, अराबल्ली जिला सचिव भवानभाई पगी तथा सी पी एम की राज्य सचिव कॉम. प्राग्जीभाई भाम्भी, अराबल्ली जिला सचिब डी आर यादव, सवरकंठा जिला सचिव पुरुसत्यम परमार ने संबोधित किया।


अंत में उपरोक्त कॉमरेडों की एक शिष्ट मंडल अराबल्ली जिला कलेक्टर से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। आदिवासियों के बुनियादी अधिकारों की रक्षा करने और पर्यावरण से संबंधित समस्याओं को अबिलम्ब दूर करने की मांग की।