आज के दौर में अम्बेडकर का पुनर्पाठ
पुरुषोत्तम शर्मा भारत में शोषितों-उत्पीड़ितों की मुखर आवाज और सच्चे लोकतंत्र के सिपाही बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर को आज एक जाति विशेष का नेता बताने की चौतरफा कोशिशें हो रही हैं। पहले भारत के मनुवादियों और फिर आजादी के बाद सत्ता पर काविज राजनीतिक शक्तियों ने उन्हें एक जाति के नेता के रूप में पेश कि…