उन्नाव में किसानों के दमन पर एआइकेएम जांच दल की रिपोर्ट


उन्नाव के ट्रांस गंगा परियोजना प्रभावित किसानों से मिलने के बाद जारी किसान महासभा की जांच दल की रिपोर्ट


अफरोज आलम


किसान महासभा के जांच दल ने पाया कि उन्नाव में कानूनों का पालन किये बिना, उचित मुआवजा दिये बिना, जबरन भूमि अधिग्रहण हो रहा है। किसानों की भूमि का चार गुना मुआवजा देने की मांग कानूनन जायज है। किसान महासभा ने गिरफ्तार किसानों को तुरन्त रिहाकर पुलिस के दमनचक्र पर रोक लगाने की मांग की है।


अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव कुशवाहा के नेतृतव में कल उन्नाव के ट्रास गंगा परियोजना प्रभावित किसानों से मिलने गए जांच दल ने आज लखनऊ में अपनी जांच रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण की इस पूरी प्रक्रिया में किसानों से कोई सहमति नहीं ली गयी। किसानों से जो प्रभावित परिवार को नौकरी देने व विकसित जमीन पर 16% भूमि देने का  वायदा किया गया था, अब सरकार उससे इनकार कर रही है। सरकार झूठ बोल रही है कि वह किसानों को 12.51 लाख प्रति बीघा मुआवजा दे रही है. जबकि किसानों का कहना है कि सरकार सिर्फ 5.51 लाख रूपये बीघा मुआवजा दे रही है जबकि वहां जमीन का बाजार मूल्य 50 लाख रूपये बीघा चल रहा है। 
किसानों को जो योजना में 16% विकसित जमीन देने का वायदा किया गया था उसमें से 10% भूमि नहीं देने के बदले 7 लाख रुपया किसानों को  दिया गया है. और बाकी 6 प्रतिशत भूमि भी नहीं दी जा रही है। जबकि सरकार विकसित जमीन के बदले दी गई राशि को भी मुआवजा बता कर झूठ प्रचार कर रही है।


किसान महासभा के जांच दल ने कहा किसान शंकर सराय में पिछले ढाई साल से धरने पर बैठे हैं। मगर योगी सरकार के पास किसानों से बात करने की फुरसत नहीं है।


जांच दल ने पाया कि इस पूरे प्रकरण में डी एम उन्नाव की भूमिका बेहद किसान विरोधी थी। वहां जो हालात बिगड़े उसका जिम्मेदार डी एम उन्नाव हैं। पूरी घटना को देखकर लगता है कि योगी सरकार से जिला प्रसाशन को छूट थी कि वो किसानों को सबक सिखाए। उन्नाव की घटना ने योगी सरकार के किसान विरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है। किसान कह रहे थे, हमने इस सरकार को बनाया था,अब हम इसे सबक भी सिखाएगें।


किसान नेताओं ने बताया कि  घटना के समय एक प्रोफेसर डा. वी एम पाल को जिस तरह पीट-पीट कर पुलिश की जय बुलवाई गयी, 60 साल से ऊपर उम्र के विकलांग किसान सुशील त्रिवेदी को जितनी बेरहमी से पीटा गया, किसानों की 100 से अधिक मोटरसाइकिलों को जे सी बी से रौद कर बर्बाद किया गया, 40 से ज्यादा किसान घायल है,15 से ज्यादा किसान गिरफ्तार हैं। वह वहां हुई पुलिस बर्बरता को दिखाता है।
  
किसान महासभा मांग करता है कि उन्नाव की घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए डी एम उन्नाव को तुरन्त हटाना जाय, गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाय, वहां जारी दमनचक्र पर रोक लगा किसानों से वार्ता कर उनको कानून सम्मत मुआवजा दिया जाय ।


जांच टीम में किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव कुशवाहा के साथ, प्रदेश सह सचिव अफरोज आलम, कानपुर जिला संयोजक अजय कुमार व राना प्रताप सिंह शामिल थे।