अखिल भारतीय किसान महासभा का आह्वान

अखिल भारतीय किसान महासभा का आह्वान


इतने बड़े राष्ट्रव्यापी विरोध के बाद भी मोदी सरकार देश के लिए विनाशकारी KAA और NRC को वापस लेने के बजाए आंदोलनकारियों पर गोली चलाने और गिरफ्तारी कर भारी दमन कर रही है। देश भर में डेढ़ दर्जन लोगों की ठण्डे दिमाग से पुलिस गोली से हत्या कर दी गई है।


कश्मीर,  असम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक तक पुलिस और अर्ध सैनिक बलों का अपने ही नागरिकों के साथ दुश्मन देश के लोगों जैसा व्यवहार बता रहा कि पुलिस सहित सैन्य बलों का साम्प्रदायिकरण हो रहा है। यह देश के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात है।


आंदोलन के दौरान पुलिस, आरएसएस और एबीवीपी के कार्यकर्ता भीड़ में घुसकर खुद बबाल करके आंदोलन को भटकाने का षड्यंत्र कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अब भाजपा जवाबी रैलियों के जरिये देश में जनता को सड़कों पर लड़ाने की साजिश रच रही है।


खुद मोदी, शाह के साथ ही गोदी मीडिया के एंकर भी झल्ला रहे हैं कि जिस जनता को अब तक वे मुसलमान पाकिस्तान पर भटकाने में कामयाब हो जाते थे, वह इस बार उनके समझाने पर भी समझ क्यों नहीं रही है।


नागरिकता कानून के सवाल को भी हिन्दू-मुश्लिम बनाने की आरएसएस - भाजपा की साजिशों को देश की जनता ने जिस तरह एकजुट होकर नाकाम किया है उससे इनकी रातों की नींद हराम हो गई है।


अब ये ताकतें और भी बड़ी साजिशों के जरिये जनता की इस धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई को भटकाने की कोशिशें करेंगे। 


इससे सचेत रहते हुए इस संघर्ष को आरएसएस - भाजपा मुक्त लोकतंत्रक, धर्मनिरपेक्ष भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ाना होगा।


इस आंदोलन में छात्र युवाओं और देश के बौद्धिक तबके की व्यापक भागीदारी एक उम्मीद जगाती है। मजदूर और किसान संगठनों को भी खुलकर छात्र युवाओं के साथ सड़क पर उतर कर इस लड़ाई को व्यापक जन आयाम देना चाहिए।