CAA, NPR और NRC मनमाफिक नागरिकता चुनने का संघी प्रोजेक्ट है![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi8BXLjTENV4_WX0bA6-jIJQaoSWcJijxAfc2ziwAlfG_3IQ5wdHPp2_WIMbPSbdJZT38nG9marQ2-Td2q0h9RYfJ2d1b_qOrYXU9EiIhgtndcIaa-JJkPq7CpT5gxHGaJxKbVo4h2gJ-w/)
जम्मू कश्मीर के आतंकी पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह की गिरफ्तारी के मद्देनजर पुलवामा की स्वतंत्र न्यायिक जांच हो।
कविता कृष्णन
बिहार में एनपीआर पर रोक लगाएं अन्यथा कुर्सी खाली करें नीतीश कुमार - धीरेंद्र झा
दरभंगा, 15 जनवरी2020
CAA, NPR और NRC के खिलाफ पूरे देश मे चल रहे आंदोलनों की प्रखर प्रवक्ता और भाकपा माले पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन ने आज दरभंगा में विशाल जन सभा में कहा कि किसी भी लोकतंत्र में जनता सरकार को चुनती है। लेकिन cca, npr और nrc का संघी प्रोजेक्ट सरकार को नागरिक चुनने की आज़ादी दे देगी। यह लोकतांत्रिक देश मे सम्भव नही है, यह पूरी तरह तानाशाही प्रोजेक्ट है। कृष्णन ने कहा कि मोदी-अमित शाह झूठ बोल रहे हैं कि तीनों अलग अलग चीजें हैं। यह झूठ है।
कहा कि caa, npr और nrc एकीकृत प्रोजेक्ट है जिसके जरिये यह सरकार यह अधिकार हासिल कर लेना चाहती है ताकि वह मन माफिक वोटर और नागरिक बना सके। जो उनके खांचे में फिट नहीं होगा उसे संदिग्ध नागरिकता की सूची में डाल दिया जाएगा।निर्दयी और भरष्ट नौकरशाही को जनता की नागरिकता से खेलने का अधिकार मिल जाएगा। इस प्रक्रिया में सब प्रभावित होंगे खासकर दलित, गरीब और वंचित जमात के लोग। जिस तरह से उन्हें बीपीएल सूची, राशन सूची से बाहर रखा जाता है उसी तरह उन्हें नागरिकता से भी बाहर रखा जाएगा। फिर उनसे गुलामों की तरह काम लिया जाएगा और नागरिक अधिकारों से वंचित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि तत्काल एनपीआर रुकनी चाहिए क्योंकि यही एनआरसी का प्राथमिक आधार डेटा बनेगा। उन्होंने कहा कि मोदी-अमित शाह में अगर दम है तो नेताओं की बात छोड़िये, छात्र-छात्राओं के साथ सीधे संवाद की हिम्मत दिखाएं और उसका सीधा प्रसारण हो ताकि जनता वास्तविकता से रु ब रु हो सके।
बड़े पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह की आतंकवादियों के साथ गिरफ्तारी के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसकी उच्चस्तरीय स्वतन्त्र न्यायिक जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह आदमी जहां जहां रहा है वहां आतंकी हमले हुए हैं। पुलवामा का सच देश की जनता को जानने को मिलेगा अगर इसकी मुकम्मल जांच होगी। क्योंकि वह उस समय पुलवामा में पुलिस अधिकारी था।आगे उन्होंने कहा कि बर्बर दमन, गिरफ्तारी और मुकदमे के जरिये सरकार लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाना चाहती है जो सफल नहीं होगा। जुल्म जितना बढ़ेगा, प्रतिरोध उतना ही प्रबल होगा।
इस मौके पर बोलते हुए पार्टी के मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा ने कहा कि बिहार में बढ़ता चौतरफा आंदोलन मांग कर रहा है कि नीतीश कुमार एनपीआर पर रोक लगाएं। केरल, बंगाल की तर्ज़ पर बिहार भी इस पर रोक लगाए। नीतीश कुमार जनभावना-बढ़ते जनांदोलन के तहत कदम उठाएं अन्यथा कुर्सी छोड़ दें। उन्होंने बिहार वासियों से अपील करते हुए कहा कि दिखावे के सरकारी मानव श्रृंखला का विरोध करें और गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या 25 जनवरी को आहूत मानव श्रृंखला को ऐतिहासिक बनाएं।