हरियाणा में फसल खरीद न होने से किसान परेशान

हरियाणा में फसल खरीद न होने से किसान परेशान


प्रेम सिंह गहलावत


सरकार द्वारा घोषित हरियाणा में 20 अप्रैल से किसानों की फसल खरीद होनी थी,कुछ जिलों में छूट-पुट खरीदारी हुई भी काफी किसान मंडियों में अपनी गेहूं की फसल लेकर भी गए परन्तु हरियाणा में आढ़ती अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं,सरकार के साथ उनकी वार्ता में कुछ बातों पर सहमति भी बनी परन्तु पूर्ण रूप से हड़ताल खत्म नही हुई है,उधर खाली बारदाना,व  मंडी के पल्लेदारों की भारी कमी, इस के चलते किसान अपने को बहुत ठगा सा महसूस कर रहे,जिसके चलते किसानों ने निर्णय लिया कि फसल हमारी और भाव तुम्हारा नही चलेगा।


अब सम्पूर्ण हरियाणा प्रदेश में आवाज उठनी शुरू हो गई है कि 
हरियाणा प्रदेश के सभी किसान यूनियन व किसान संगठन और तमाम किसान भाई एक हो कर आवाज बुलंद कर अपनी फसल को अपने गांव तथा अपने घरों में रखें,सरकार पर दबाव बनाया जाए कि किसानों की फसल  उनके गांव या उनके अपने स्थान से ही खरीदें या खरीद करवाएं,और स्वामीनाथ की रिपोर्ट के मुताबिक फसल की कीमत का डेढ़ गुना के हिसाब से ही ख़रीद करवाएं जिससे सभी किसान लॉक डाउन के समय इस कोरोना की महामारी से भी बचेंगे।


अभी किसान गेहूं का रेट मांग रहे हैं 3000 हजार रुपया प्रति किवंतल,सरसों 6000 हजार प्रति किवंतल,चना 8000 हजार रुपया आदि मांग रहे हैं, किसान नेता जसबीर सिंह भाटी डबवाली और किसान नेता चांदी राम भुना आदि मन बना चुके हैं आंदोलन के लिए बाकी औरों से भी वार्ता हुई वह सभी भी तैयार दिखलाई पड़ रहे हैं,सभी किसान पूरे हरियाणा वासियों से आह्वान कर रहे हैं कि बाहर निकलो अपनी आवाज बुलंद करो मामला काफी गरम  दिखलाई पड़ रहा है।