कोरोना से जंग में दुनियां की मदद में जुटा कम्युनिस्ट क्यूबा
क्यूबा ने दो हफ्तों के अंदर 19 देशों में अपनी मेडिकल टीमें भेजी हैं. अमरीका की पाबंदियों के बावजूद क्यूबा अभी भी कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहा है. क्यूबा ने इटली, एंडोरा, अंगोला, जमैका, मेक्सिको और वेनेज़ुएला समेत 19 देशों में अपनी नई मेडिकल टीमें भेजी हैं जिसमें 900 डॉक्टर्स और नर्सें शामिल हैं.
इसके अलावा अर्जेंटीना और स्पेन जैसे देशों के अनुरोध पर अभी क़दम उठाया जाना बाक़ी है. क्यूबा की मेडिकल टीमों ने इससे पहले भी कई विपदा के मौक़ों पर लोगों की जान बचाई है. इससे पहले श्रीलंका में 2004 में आई सुनामी, पाकिस्तान में 2005 में आए भूकंप और फिर 2006 में इंडोनेशिया में आए भूकंप के वक़्त क्यूबा ने इन देशों की भरपूर मदद की है.
2006 में इंडोनेशिया गए टीम के सदस्य डॉक्टर ऑस्कर पतोल ने अपने अभियान के बारे में रॉयटर्स से कहा था, “आज एक ज्वालामुखी, कल कोई भूकंप और उसके बाद फिर बाढ़ आए क्यूबा किसी भी देश की मदद करने को तैयार है.”
कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित इटली में क्यूबा ने 52 डॉक्टर और नर्स मदद के लिए भेजे हैं. मुश्किल हालात में काम करने के आदी रहे क्यूबा के डॉक्टर्स और नर्सों ने इटली में भी बहुमूल्य योगदान दिया है. क़रीब 60 सालों से क्यूबा पूरी दुनिया में अपने डॉक्टरों और नर्सों को भेज रहा है.
यह जरूरतमंदों की मदद के मक़सद से क्यूबा करता है लेकिन यह उनके मेडिकल डिप्लोमेसी का भी हिस्सा है और इससे अमरीका की पाबंदियां झेल रहे क्यूबा को आर्थिक मदद भी मिलती है.
(बीबीसी से साभार)