प्रधान मंत्री का संदेश निराशाजनक

प्रधान मंत्री का संदेश निराशाजनक


पुरुषोत्तम शर्मा


आज अपने भाषण में सात बार जनता को हाथ जोड़ने के बजाय प्रधान मंत्री को निम्न घोषणा भी करनी चाहिए थी!


केंद्र सरकार की ओर से आज लॉक डाउन की अवधि के 21 दिन बाद तक देश के हर भूखे तक भोजन और हर संक्रमित की मुफ्त जांच व मुफ्त इलाज की घोषणा प्रधान मंत्री को करनी चाहिए थी!


प्रधान मंत्री को बताना था कि तीन सप्ताह के लॉक डाउन के बाद भी कोरोना से लड़ने के लिए तमाम राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार के सम्मुख जो मांगे रखी हैं, केंद्र ने उनमें से कितनों को पूरा किया है और बाकी कब तक पूरी हो रही हैं?


प्रधान मंत्री को आज बताना था कि "प्रधानमंत्री केयर फंड", अंर्तराष्ट्रीय संस्थाओं व बाहरी देशों की ओर से अब तक केंद्र सरकार के पास कोरोना से लड़ाई के लिये कुल कितना धन या स्वास्थ्य उपकरण जमा हुआ है। इस आए हुए धन और स्वास्थ्य उपकरणों को कोरोना से युद्ध में केंद्र सरकार कहां और किसके माध्यम से खर्च कर रही है? 


प्रधान मंत्री को बताना था कि वे करोड़ों लोग जिनके पास घर नहीं हैं, जो अपने घरों से बाहर हैं, जिनके पास पैसे नहीं बचे हैं, जिनके पास खाने को कुछ नहीं है, जिनके पास कोई राशन कार्ड या अन्य पहचान पत्र भी नहीं है, उनके लिए केंद्र सरकार क्या कर रही है?


प्रधान मंत्री को आज देश के किसानों को आश्वस्त करना चाहिए था कि देश भर में किसानों की फसल कटाई और बुआई के लिए कृषि यंत्रों की आवाजाही बेरोकटोक होगी। साथ ही किसानों की फसलों को एफसीआई के माध्यम से हर ग्राम पंचायत में सरकारी क्रय केंद्र खोलकर खरीदने की गारंटी होगी। किसानों को खाद, बीज, दवा की आपूर्ति कृषि विभाग गांव स्तर पर करेगा।


प्रधान मंत्री को बताना था कि कोरोना के अलावा जो बाकी गम्भीर बीमारियों के पीड़ित मरीज बिना इलाज के मर रहे हैं उनके लिए केंद्र सरकार क्या योजना लाई है? 


कोरोना संक्रमण के शक में जिन्हें लोग अपने ही घरों-मौहल्लों में नहीं आने दे रहे हैं, उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार क्या कर रही है?