श्रम कानूनों में बदलाव व निजीकरण के खिलाफ करोड़ों मजदूरों का प्रतिरोध कार्यक्रम

ऐक्टू कार्यकर्ता देश भर में उतरे आंदोलन में मजदूरों वर्ग पर हमलों के खिलाफ देशव्यापी प्रतिरोध दिवस जिंदाबाद ! केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और मजदूर फेडरेशनों द्वारा संयुक्त रूप से आहूत 22 मई 2020 देशव्यापी प्रतिरोध दिवस ! ● श्रम कानूनों को खत्म करने, काम के घंटे 8 से 12 करने, 44 केंद्रीय श्रम कानूनों का कोडीकरण करके मजदूरों के अधिकारों को छीनने की मुहिम का विरोध करें! ● प्रवासी मजदूरों की संस्थाबद्ध हत्या बंद करो! ● 20 लाख करोड़ रूपये का आर्थिक पैकेज निजीकरण, विनिवेश और भारत की गुलामी का रास्ता ! भारतीय अर्थव्यवस्था को विदेशी पूंजी के हवाले करने, अंधाधुंध निजीकरण और काॅरपोरेटीकरण को खुली छूट देने के मोदी सरकार के रास्ते एवं नीतियों का कड़ा विरोध करते हैं! विदेशी पूंजी की दया और भारतीय श्रमिकों की गुलामी पर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण नहीं हो सकता है." मज़दूरों को गुलामी की ओर धकेलना बंद करो !! पूंजीपतियों के साथ मिलकर मज़दूरों को मारने की साजिश नही चलेगी !! लॉक-डाउन की आड़ में श्रम कानूनों को खत्म करना नही चलेगा !! जनता से वोट लेकर - पूंजीपतियों को नोट देना, बंद करो !! कंपनियों के फायदे के लिए, मज़दूरों पर जुल्म करना बंद करो !!