पेट्रोल डीजल की मूल्यबृद्धि के खिलाफ किसानों का देशव्यापी विरोध कार्यक्रम

पेट्रोल डीजल की बेतहाशा मूल्यवृद्धि के खिलाफ किसानों का देशव्यापी विरोध कार्यक्रम


राम आधार सिंह/राम चन्द्र कुलहरि


अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा और अखिल भारतीय इन्कलाबी नौजवान सभा के संयुक्त आह्वान पर आज देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। तीनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहीं संयुक्त तो कहीं अलग-अलग इन कार्यक्रमों को आयोजित किया। सैकड़ों जगह प्रधानमंत्री मोदी के पुतले फूंके गए।


कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे "18 रुपए का पैट्रोल 80 रुपये में क्यों? लुटेरे मोदी जवाब दो! आंदोलन कारी कार्यकर्ताओं ने कहा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बहूत गिरे हैं। पर मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल की बेतहाशा मूल्यवृद्धि कर आम आवाम की जेब पर डाका डाल दिया है। डीजल मूल्य बृद्धि से किसानों की प्रति एकड़ लागत में 1000 रुपया बढ़ोतरी हो चुकी है।


कोरोना महामारी से किसान, मजदूर, छात्र नौजवान की कमर पहले ही टूट चुकी है। उपर से महगाई की ये मार साफ दर्शाती है कि यह आम आदमी की हितैषी सरकार नहीं है। पेट्रोल डीजल मूल्य बृद्धि का विरोध कर रहे राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं के ऊपर जिस तरह भाजपा शासित राज्य की पुलिस बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज कर रही है वह घोर निंदनीय तथा लोकतंत्र विरोधी कारवाई है।


बिहार


अखिल भारतीय किसान महासभा अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा तथा इंकलाबी नौजवान सभा के आह्वान पर डीजल पेट्रोल के बढ़े हुए दाम की वापसी के लिए आज 27 जून को देशव्यापी प्रतिवाद दिवस के तहत बिहार के दर्जनों गांव, बाजार, चट्टी व जिला मुख्यालयों पर प्रतिवाद दिवस मनाया गया ,।


रोहतास बक्सर कैमूर आरा जहानाबाद अरवल औरंगाबाद पटना नवादा नालंदा पटना सिटी बेगूसराय वैशाली मुजफ्फरपुर मधुबनी सिवान पूर्णिया सहित बिहार के लगभग सभी जिलों में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया । कई जगह धरना तो कई स्थान पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शित किया गया।


बिहार में नेतृत्व कर्ताओं में प्रमुख अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव वह पूर्व विधायक राजा राम सिंह राज्य सचिव रामाधार सिंह राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव राज्य सचिव कृपा नारायण सिंह उमेश सिंह राज्य उपाध्यक्ष चंद्रदीप सिंह विधायक सुदामा प्रसाद वही खेत ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा राज्य सचिव गोपाल रविदास राष्ट्रीय नेता वीरेंद्र गुप्ता इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल राज्य स्तरीय नेता भोलाराम आदि कर रहे थे।


कार्यक्रम के तहत नेताओं ने कहा देश में 70 साल के दौरान यह पहली बार है जब डीजल का दाम पेट्रोल से भी ज्यादा हुआ है दुनिया भर में विश्वव्यापी कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण औसत दो तिहाई दाम डीजल पेट्रोल का नीचे गिर गया है। परंतु भारत में लॉकडाउन से जूझ रही जनता पर डीजल पेट्रोल के दाम में लगातार वृद्धि कर और भी अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया है।


देश की वर्तमान सरकार जब गद्दी पर बैठी थी कहा था एक देश एक टेक्स होगा परंतु डीजल पेट्रोल को शायद इसीलिए इस दायरे से बाहर रखा कि इनके उपभोक्ताओं को खुद सरकार व कंपनी को लूटने की छूट दिया जाएगा। अगर पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के तहत रखा जाता और अधिकतम 28% भी टैक्स लगा देती तो आज डीजल पेट्रोल का दाम 26 रुपये से ज्यादा नहीं होते। परंतु किसानों, वाहन चालकों के पैकेट पर डाका डालने के लिए आज दाम तिगुना पर पहुंचा दिया है।


उत्तर प्रदेश


राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद दिवस जो डीजल और पेट्रोल में हो रही निरंतर मूल्यवृद्धि के खिलाफ था, गाजीपुर जिले के जमानियां में किसान महासभा कार्यालय से किसान तहसील तक मार्च करते हुए पहुंचे और वहां सभा की गई। सभा को किसान महासभ के राष्ट्रीय सचिव कामरेड ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने संबोधित किया। बाद में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा गया।


अखिल भारतीय किसान महासभा जिला कमेटी मथुरा के बैनर तले जिले की विभिन्न ब्रांचों में 27जून को देशव्यापी आह्वान पर पैट्रोल व डीजल की दिन रोज बढ़ रही कीमतों के खिलाफ प्रतिवाद दिवस मनाया गया. जिले के मुख्य पदाधिकारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें अंतराष्ट्रीय बाजार में 2014 मई की कीमतों से एक तिहाई कम हैँ लेकिन मोदी सरकार के 69%तक टैक्स व सेस लगा देने से जो करीव 58 रु बनता है. इसके साथ ही तेल कंपनी अपनी मनमानी पर उतर आयी हैं. इस प्रकार मोदी सरकार द्वारा जनता की जेब में खुला डाका डाला जा रहा है.


नेताओं ने कहा जब पुरे देश में टैक्स की एकल प्रणाली लागू करनी है तो GST से पैट्रोल व डीजल अछूती क्यों. इसका मतलब सरकार पूंजी पतियों की हिमायती है. नेताओं ने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप कर पैट्रोल व डीजल की बढ़ी कीमतें वापस लेने की मांग की.


प्रतिरोध कार्यक्रम का नेतृत्व राज्य कमेटी सदस्य नथ्थीलाल पाठक, जिला मंत्री राकेश चौधरी, जिला अध्यक्ष गैंदा लाल, जिला सयुक्त मंत्रीगण तारा सिंह व अमर सिंह, कोषाध्यक्ष मनोज वर्मा, होसियार सिंह आदि ने किया.


भाकपा माले लिबरेशन के राज्य कमेटी सदस्य एवं जिला प्रभारी मथुरा कामरेड नशीर शाह एड समर्थन में धरने पर बैठे. प्रतिरोध दिवस में, मुख्यतह सलीम खान, नईम शाह एड, दुर्गाप्रसाद, बाबूसिंह, प्रेमपाल सिंह, बृजविहारी, प्रवीण, लाखन सिंह, लक्ष्मीसिंह, डॉ चंद्रभान, अरविंद, कप्तान खान, यशपाल सिंह, अजय, रामप्रसाद आदि शामिल थे.


रायबरेली जिले के कार्यक्रम में 100 गांवों के किसानों खेत मजदूरों की भागीदार रही। जिनमें 11 गांव राही, 5 गांव डलमऊ, 2 गांव ड़ीह , 1 गांव महारजगंज , 4 गांव सताँव, 6 गांव हरचन्द्रपुर, शहर सहित तमाम गांवों में कार्यक्रम हुए। रायबरेली मे 26 को ही जिला स्तर पर संगठन ने पहले से कार्यक्रम घोषित कर रखा था ,जो बडे पैमाने पर हुआ। यहां किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कामरेड अफरोज आलम के निर्देशन में कार्यक्रम आयोजित हुए।


इसके अलावा राज्य के जालौन, बलिया, चंदौली, कानपुर, लखीमपुर आदि जिलों में भी विरोध कार्यक्रम हुए।


राजस्थान


झुंझनूं जिले के दर्जनों गांवों में अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय ग्रामीण व खेत मजदूर सभा तथा इंकलाबी नौजवान सभा की तरफ से लोक डाउन के नियमों की पालना करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला भी जलाया गया।


झुंझनूं जिला मुख्यालय पर अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड फूलचंद ढेवा, कामरेड बहादुर सिंह मेघवाल, इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सह संयोजक कामरेड रसीद अहमद, बुहाना प्रखंड के घरङाना खुर्द ग्राम पंचायत की किसान महासभा की शाखा की तरफ से अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचन्द्र कुलहरि के नेतृत्व में कामरेड महावीर, कामरेड मनीराम स्वामी, जगवीर, मनफूल, विजय सिंह, हेतराम, अनिल, शीशराम, ग्राम झारोङा में प्रधानमंत्री मोदी के पुतले फूंके गए।


अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष कामरेड ओमप्रकाश झारोङा के नेतृत्व में, ग्राम किढवाना में कामरेड प्रेम सिंह नेहरा के नेतृत्व में, ग्राम बङबर में हरी सिंह वेदी के नेतृत्व में, ग्राम नंरात में कामरेड रामलाल कुमावत के नेतृत्व में, ग्राम मोई भारु में इंकलाबी नौजवान सभा व किसान महासभा की शाखा की तरफ से कामरेड कृष्ण कुमार के नेतृत्व में, ग्राम चारावास में जिला उपाध्यक्ष कामरेड इंद्राज सिंह चारावास के नेतृत्व में प्रखंड सचिव कामरेड अमर सिंह चाहर, होशियार सिंह, प्यारेलाल चाहर, बुलकेश, सूबेदार बजरंग सिंह, कल्याण,हरलाल सिंह बेडवाल, चरण सिंह, प्रदीप, प्रवीण शर्मा, राजेश बोराण , ग्राम लोयल में कामरेड रोतास काजला के नेतृत्व में, ग्राम चनाना में पुतला दहन हुुुुआ।


इंकलाबी नौजवान सभा के जिला संयोजक कामरेड रविन्द्र पायल के नेतृत्व में विकास ढाका, अमरपाल व विक्रम सिंह, ग्राम भुकाना में कामरेड लक्ष्मण सिंह, ग्राम चूङेला में कामरेड दुर्गा राम तिलोटिया के नेतृत्व में, ग्राम चरण सिंह नगर में फूल सिंह के नेतृत्व में, ग्राम देवता में कामरेड सुमेर सिंह के नेतृत्व में, ग्राम तातीजा में कामरेड सुरेश के नेतृत्व में, ग्राम आर्यनगर में कामरेड सूरत सिंह के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया व कई जगह प्रधानमंत्री के पुतले जलाये गये ।


इस अवसर पर विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें एक तिहाई कम हुई हैं मोदी सरकार नेअब तक 69 प्रतिशत तक टेक्स व सैस लगाकर जनता की भारी लूट की है । तेल की कीमतों में 58 रुपये से ज्यादा सरकारी टैक्स व सैस है एक देश व एक टैक्स का नारा देने वाली मोदी सरकार ने डीजल, पैंट्रोल व शराब को जी एस टी के दायरे से बाहर रखा जिससे जनता की जेब में भारी डाका डाल सके ।


वक्ताओं ने कहा अगर पैंट्रोल व डीजल को जी एस टी के दायरे में लाकर 18 प्रतिशत जी एस टी लगाने पर तेल का भाव 25 रुपये के लगभग होगा । डीजल की मार से मंहगाई के कारण गरीब मजदूर व किसान सबसे ज्यादा तबाह होगा । मोदी सरकार की जनता के प्रति अगर थोङी बहुत जवाबदेही है तो तुरंत प्रभाव से कीमतें नीचे लाने चाहिए ।


इसके अलावा उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, प. बंगाल, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, झारखंड, हरियाणा, पंजाब में भी कार्यकर्ताओं ने विरोध कार्यक्रम आयोजित किये। आंदोलनकारियों ने मांग की - 1 डीजल पेट्रोल के बढ़े हुए दाम वापस लो तथा इसे हवाई जहाज के ईंधन के दाम के बराबर यानी लगभग दो तिहाई कम करो। 2 डीजल पेट्रोल के दाम को बढ़ाकर लॉकडाउन से जूझ रही जनता पर अतिरिक्त बोझ डालना बंद करो।