उद्यानीकरण से रोजगार की हकीकत-2
चारु तिवारी
इन आंकडों की विश्वसनीयता इसलिये भी संदेह के घेरे में है कि उत्तराखंड की कुल कृषि योग्य भूमि का रकवा मात्र 7 लाख हैक्टेयर बचा है। इसमें भी एक बड़ी जमीन ऐसी है जिसमें कुछ हो नहीं रहा है। जिन जगहों में कभी फल और सब्जियां होती थी उनमें नये रिजार्ट और कोठियां उग आई हैं। निदेशालय का यह आंकड़ा भी चौंकाने वाला है कि वर्ष 2018-19 में राज्य में फलों का उत्पादन 664655.41 मैटिक टन हुआ। विभाग बताता है कि सब्जी का उत्पादन 630109.15 मैटिक टन हुआ। आलू का उत्पादन 363797.56 मैटिक टन, मसाला 93624.56 मैटिक टन और पुष्प का उत्पादन 3017 मैटिक टन हुआ। और इसी आधार पर उन्होंने यह भी तय कर दिया कि देश में कश्मीर के बाद उत्तराखंड फल उत्पादन का दूसरा बड़ा राज्य है। लीची उत्पादन में देश छठा राज्य है।