विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के चीनी संस्थाओं से रिश्ते
यह मामला इसलिए गंभीर हो जाता है कि इसमें सीधे देश के विदेश मंत्री शामिल हैं जिनके कंधे पर मौजूदा संकट के समय राजनयिक और कूटनीतिक समेत हर तरह से चीन से निपटने की जिम्मेदारी है। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे से जुड़े और विदेश नीति पर बने थिंक टैंक आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) ने चीनी कंसुलेट से 2016 में अच्छी खासी रकम हासिल की है। आप को बता दें कि ओआरएफ को रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी समर्थन हासिल है।
ये दोनों राशियां कोलकोता स्थित चीनी कंसुलेट से मिलीं। उसके बाद उसी साल की 31 दिसंबर को उसे पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के कंसुलेट जनरल से उसने 1.068 करोड़ रुपये हासिल किए। उसके बाद फिर 1 दिसंबर, 2017 को उसे 50 लाख रुपये और मिले।
(जनचौक से ली गई टेलीग्राफ में अंग्रेजी में प्रकाशित यह रिपोर्ट साभार ली गयी है।)