कोरोना काल में चर्चा में आईं मनरेगा और उससे जुड़े अनुभव
*उत्तराखंड में मनरेगा योजना की स्थिति*-
योजना के शुरू के वर्षो में अधिकतर ग्राम प्रधानों ने अपने परिवार के सभी सदस्यों व नजदीकियां के ( जो गांवों में नहीं रहते थे ) के जॉब कार्ड अधिक संख्या में बनवाये। योजना का पूरा संचालन क्योंकि ग्राम प्रधान के ही हाथ में होता था, उसे धन का दुरपयोग करने में कोई दिक्कत नहीं होती थी। आर. टी. आइ. के माध्यम से ग्रामीणों ने ग्राम प्रधानों से जॉब कार्ड धारकों के नाम व पते पूछने शुरू कर दिये इस प्रकार ग्राम प्रधानों के रिस्तेदारों के फर्जी जॉब कार्ड कम होते गए।