किसान महासभा ने किसान नेता दातार सिंह को दी श्रद्धांजलि।

अखिल भारतीय किसान महासभा ने किसान नेता दातार सिंह को दी श्रद्धांजलि दी है। वर्तमान किसान आंदोलन के एक महत्वपूर्ण नेता मास्टर दातार सिंह का दो दिन पहले किसानों के आंदोलन के एक कार्यक्रम के दौरान जलंघर में भाषण देने के बाद अचानक निधन हो गया है। कामरेड दातार सिंह संयुंक्त किसान मोर्चा के इस आंदोलन में जी जान जुट थे। वे पंजाब की कीर्ति किसान यूनियन के अध्यक्ष भी थे।

उधर सयुंक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली पड़ाव के 90वें दिन प्रेस नोट जारी कर कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के यह कहकर किसानों के संघर्ष का अपमान किया है कि भीड़ इक्कठी करके कानून वापस नहीं लिए जाते। हम श्री तोमर सहित पूरी सरकार को यह बताना चाहते है कि यह लोगों के मन मे सरकार के प्रति असंतोष है जो संघर्ष में बदल गया है। आज देश दुनिया मे लोग अन्नदाता के सम्मान में अपना समर्थन दे रहे है। प्रदर्शन कर रहे लोग "भीड़" नहीं, "अन्नदाता" है जिसकी मेहनत का उगाया भोजन आप भी खाते है। इसी "भीड़" के वोट से आप सरकार चला रहे है, इस तरह जनता का अपमान निंदनीय है।

सरकार के लिए यह आंदोलन सरदर्द बना हुआ है। समाज मे भी जो इस आंदोलन को समर्थन दे रहे है उन्हें निशाना बनाकर परेशान किया जा रहा है। दिशा रवि से लेकर अन्य सामाजिक कार्यकर्ता निशाने पर है। हाल ही में रामपुर, उत्तराखंड के नेता फरहत जमाली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने गाजीपुर धरने पर पहुंचकर किसानो को समर्थन दिया था। हम फरहत जमाली व अन्य सभी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा व विरोध करते है।

किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए देशभर के किसान लामबंद हो रहे है। अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा की मतकल, नारायणपेठ, तेलंगाना राज्य में 21 फरवरी को तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने व एमएसपी कानून बनवाने के लिए बड़ी रैली व जनसभा हुई। कल पंजाब के बरनाला में ऐतिहासिक किसान मजदूर महा रैली हुई जिसमे महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही। आज हरियाणा के खरखौदा में किसानों के समर्थन में सर्व जातिय महापंचायत आयोजित की गई।

तमिलनाडु पुलिस द्वारा 21 फरवरी की रात चेन्नई सेंट्रल में ट्रैन से नई दिल्ली की तरफ जाने वाले चार कार्यकर्ताओं को ट्रैन से वापस उतार दिया गया। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि वे किसानों के प्रदर्शनों को समर्थन दे सकें।  कार्यकर्ताओं को इसके बाद दिल्ली जाने के लिए अन्य वैकल्पिक साधन खोजने पड़े।

सयुंक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर खाप नेताओं को किसानों के आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बधाई देता है। वे केंद्रीय मंत्रियों से तब तक मिलने से इनकार करते रहे जब तक कि वे सरकार में अपने पदों से इस्तीफा न दे। कई गांवों से आई रिपोर्ट इंगित करती है कि श्री संजीव बालियन पश्चिमी उत्तर में खाप नेताओं से नहीं मिल सके।

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के 87 कृषि संगठनों ने भी भारत में आन्दोलनरत किसानों को अपना समर्थन दिया । उन्होंने विशेष रूप से बताया कि किस तरह अमेरिकी सरकार की नीतियों (विशेष रूप से डब्ल्यूटीओ ) ने भारतीय किसानों की आजीविका को खतरे में डाल दिया है। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में भी एक रैली आयोजित की गई जिसमें सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओ ने ऑनलाइन संबोधन भी दिया।