राजस्थान में कृषि विद्युत बिलों में ही छूट के लिए किसानों का प्रदर्शन
राजस्थान में कृषि विद्युत बिलों में ही छूट के लिए किसानों का प्रदर्शन 

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झुंझनूं • 3 जून 2019 • अखिल भारतीय किसान महासभा के तत्वावधान में अजमेर विद्युत वितरण निगम के सहायक अभियंता कार्यालय चनाना के सामने किसानों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया. कृषि विद्युत बिलों में जारी छूट को बैंकों के खाते में भेजने की बजाय सीधे बिलों में ही जारी रखने व बिलों में धांधली को खत्म करने की मांग को लेकर आयोजित किसानों की विरोध सभा धर्मपाल दादरवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई । बैठक को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य संयोजक कामरेड फूलचंद ढेवा ने कहा कि गहलोत सरकार चुनावी वादे के मुताबिक किसानों के दो लाख रूपये तक के कर्ज माफ करने की बजाय कृषि विद्युत बिलों में जारी छूट को बैंकों के खाते में भेजने की योजना लागू कर किसानों को इस छूट से वंचित करना चाह रही है क्योंकि अधिकांश किसानों के विद्युत कनेक्शन सामुहिक मालिकाना के होने के कारण आपसी विवादों के कारण इस योजना से वंचित हो जायेंगे ।

 

अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि कृषि विद्युत बिलों में जारी छूट अगर बैंकों के खातों में दी गई तो अधिकांश किसानों के परस्पर विवाद पैदा तो होंगे ही साथ में गैस सब्सिडी की तरह आधे खातों में आयेगी तथा आधे वंचित रहेंगे जिसको राज्य का किसान कोई भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे । विरोध सभा को किसान महासभा के जिला उपाध्यक्ष कामरेड इंद्राजसिंह चारावास,कामरेड अमरसिंह चाहर, कामरेड रोहतास काजला,सूबेदार शीशराम लोयल, करणसिंह चरणसिंह नगर, सुभाष खाखिल, महेन्द्र सिंह भगासरा, महेन्द्र सिंह झाझङिया सोलाना,बिरबल सिंह, लक्ष्मण सिंह भुकाना, महावीर सिंह, रविन्द्र पायल मानोता जाटान्, होशियार सिंह चाहर, रामप्रसाद, सहीराम बोराण, फूल सिंह खाखिल, जयनारायण आदि ने संबोधित किया ।

अखिल भारतीय किसान महासभा की तरफ से राजस्थान विद्युत वितरण निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के नाम  किसानों का 15 सुत्री मांग पत्र सहायक अभियंता धर्मपाल को विरोध सभा के बीच बुलाकर दिया गया । क्षेत्रीय मांगों को लेकर सहायक अभियंता ने समाधान करने का आश्वासन दिया तथा निगम व राज्य स्तरीय मांगों को अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक को भेजने का तय किया । किसानों की विरोध सभा ने तय किया कि राज्य सरकार द्वारा घोषित छूट बिलों में न आने पर बिलों का बहिष्कार किया जाएगा ।