संशोधित वन कानून के खिलाफ गुजरात में आदिवासियों द्वारा व्यापक विरोध
मोदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार द्वारा वन कानून 1927 में व्यापक संशोधन का व्यापक विरोध शुरू हो चुका है. प्रस्तावित संशोधनों में आदिवासियों - किसानों के सभी परंपरागत हक़ छीनने, वनवासियों, किसानों पर गोली चलाने का अधिकार देने और उन्हें उनकी जमीनों से बेदखल करने के खिलाफ आदिवासी सड़कों पर उतर आए हैं. गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी क्षेत्रों में जुझारू किसान नेता प्रतिभा सिंदे के नेतृत्व में आदिवासियों के बीच काम कर रहे "लोक संघर्ष मोर्चा" के बैनर तले आदिवासी 6 बड़ी विरोध रैलियों का आयोजन कर चुके हैं. आदिवासियों-वनवासियों का यह संघर्ष देशव्यापी रूप ले रहा है.