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बिहार को अकालग्रस्त घोषित करने और कदवन डैम के निर्माण की मांग पर किसानों का धरना
भोजपुर के सहार में धरना व प्रखण्ड किसान सम्मेलन को किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह तथा तरारी से विधायक सुदामा प्रसाद ने मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित किया. धरना को संबोधित करते हुए राजाराम सिंह ने कहा कि कहावत है – ''का बरखा जब कृषि सुखाने, समय चुके पुनि का पछताने''. इस वर्ष पूरे रोपनी सीजन में भारी वर्षाभाव रहा, नहरों के ऊपरी इलाके में जैसे-तैसे धान की रोपनी पूरी हुई. बिहार का अधिकांश हिस्सा सूखे व बाढ़ की चपेट में है – अकाल की स्थिति है. बिहार के धान-गेहूं की गारंटी के साथ उपज देने वाला यह क्षेत्र भी अनिश्चयता के भंवर में फंस गया है. उसकी जीवन रेखा सोन नहरें जर्जर हो चुकी हैं और पानी का अभाव झेल रही हैं. नहरों में पानी के अभाव के साथ-साथ इस इलाके के लोगों ने पीने के पानी का भी संकट झेला है लेकिन इसकी चिंता न केंद्र की सरकार को है न बिहार की सरकार को.1990 जनवरी में तत्कालीन बिहार सरकार ने कदवन डैम का शिलान्यास किया था, लेकिन अभी तक डैम का निर्माण नहीं हो सका है. यह केन्द्र व राज्य सरकार की अपराधिक लापरवाही है. डैम का निर्माण किसानों के जीवन व मरण का प्रश्न बन गया है. कदवन डैम निर्माण को लेकर डैम स्थल का दौरा, अगस्त सितम्बर में सोन कमाण्ड के आठ जिलों में ग्राम सभा कर किसान कमिटियों का गठन, अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में किसानो का प्रखण्ड स्तर पर सम्मेलन, नवम्बर-दिसम्बर में किसान यात्राएं, और फरवरी में विधानसभा के समक्ष किसानों का विशाल प्रदर्शन आदि धारावाहिक कार्यक्रम की घोषणा की.
उन्होंने बटाईदार सहित सभी किसानों के कर्ज माफी और फसलों के लाभकारी मूल्य की भी मांग की. आज पूरे बिहार में सोन कमांड के किसानों के साथ-साथ अन्य लोग भी सरकार के समक्ष अपनी मांगों को प्रस्तुत कर रहे हैं. हमारी मांगें हैं –
इंद्रपुरी जलाशय का शीघ्र निर्माण
नहरों का आध्ुानिकीकरण और निचले इलाके तक पानी पहुंचाने की गारंटी
बिहार को अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित कर राहत का इंतजाम
किसान कर्ज के खात्मे व फसलों की लागत का डेढ़ गुना दाम
भोजपुर के जगदीशपुर प्रखण्ड कार्यालय के समक्ष सैकड़ों किसानों ने धरना दिया. जिसको किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक चन्द्रदीप सिंह तथा राज्य परिषद के सदस्य विनोद कुशवाहा आदि ने संबोधित किया. पटना जिला के पालीगंज में राज्य सहसचिव उमेश सिंह, मंगल यादव, अनवर आलम; औरंगाबाद के ओबरा में जनार्दन सिंह; रोहतास जिला के दावथ में धनेजी राम; कैमूर जिला के चैनपुर में किसान नेता वबन सिंह; नालन्दा के रहुई प्रखण्ड में किसान महासभा के नेता पालबिहारी लाल, शिवशंकर प्रसाद और भारतीय क्रांतिकारी किसान संघ के भूवनेश्वर प्र साद; नवादा जिला में किसान नेता जगदीश चैहान, भोला प्रसाद, माले जिला सचिव नरेंद्र सिंह, आदि नेताओं ने सम्बोधित किया.
27 अगस्त को बिहार के दर्जनों प्रखण्ड में धरना हुआ. शेष प्रखण्डो में किसान धरना 29 अगस्त तक जारी रहेगा