जाति सूचक गालियों से तंग दलित सिक्रेट्री ने जान गवां दी

जाति सूचक गालियों से तंग दलित सिक्रेट्री ने जान गवां दी


क्रांति कुमार सिंह


उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले ने एक बार फिर रोहित वेमुला कांड की याद ताजा कर दी। यहाँ आरक्षण से नौकरी पाने का ताना और दुर्व्यवहार एक दलित जाति के ग्राम विकास अधिकारी की जान ले गया। जनपद लखीमपुर खीरी के विकासखंड गोला में तैनात ग्राम शिव सागर कॉलोनी छाउच्छ निवासी त्रिवेंद्र कुमार पुत्र कोमल प्रसाद की पिछले वर्ष ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति के बाद उनको विकास खंड गोला की ग्राम पंचायत रसूलपुर देवरिया में तैनाती मिली, जहां के दबंग प्रधान ने पहले उन्हें परेशान किया, उसके बाद उस इलाके में सक्रिय भाजपा से जुड़ी किसान यूनियन के नेताओं ने भी उसके साथ जाति सूचक अभद्रता की। जिस कारण आहत होकर ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार ने आज प्रातः आत्महत्या कर ली। घटना की खबर सुनकर जिले भर के ग्राम विकास अधिकारी मौके पर पहुंचे उसके बाद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी ग्राम विकास अधिकारी के छाउच्छ घर पहुंचे जहां से उनकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। उधर ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास एवं पंचायती राज से जुड़े हुए सभी वर्गों के कर्मचारियों ने विकास खंडों में तालाबंदी करके प्रधान और किसान यूनियन के नेता के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की।


गौर तलब हो  कोतवाली गोला के अन्तर्गत ग्राम रसूलपुर व देवरिया की ब्लाक कुम्भी में सिक्रेट्री के पद पर तैनात 28 वर्षीय त्रिवेंद्र कुमार रैदास ने अपने मकान स्थित कोतवाली सदर लखीमपुर का मोहल्ला शिवसागर कालोनी मे अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली। त्रिवेंद्र ने अपने सोसाईट नोट में ग्राम रसूल पुर के प्रधान व देवरिया प्रधान का बेटा पप्पू तथा किसान युनियन के अध्यक्ष की जाति सूचक गालियों से तंग आकर आत्म हत्या कर लेने का कारण बताया है। त्रिवेंद्र ने अपने सोसाइट नोट में यह भी आरोप लगाया कि मेरे 8 माह की सेवाकाल में एक भी दिन उक्त लोगों ने सुकून से कटने नहीं दिया। यूँ तो मौत की जिम्मेदारी स्वयं पर लेते हुये सोसाईट नोट में लिखा है कि मेरे मरने के पश्चात मेरे परिवार जनों को कोई न सताये। ग्राम रसूलपुर व ग्राम देवरिया के प्रधानों व किसान युनियन के अध्यक्ष ही मेरी मौत के जिम्मेदार है। घटना की सूचना पर पूरा जिला प्रशासन सकते में आ गया है। पुलिस ने त्रिवेंद्र की लाश का पंचनामा भरने के पश्चात शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। ज्ञात हो त्रिवेंद्र का विवाह आगामी 28 नवम्बर को एक पीसीएस अधिकारी आजमगढ़ निवासी की बेटी से होना था। घटना के बाद से पूरे जिले मे तैनात सिक्रेट्रियो ने विकास भवन में धरना प्रदर्शन प्रारम्भ करके जिम्मेदार अधिकारी सहित ग्राम प्रधानो व किसान यूनियन अध्यक्ष की गिरिफ्तारी की मांग की है। वे आरोप लगा रहे हैं कि बार बार त्रिवेंद्र द्वारा शिकायत करने के बावजूद भी खण्ड विकास अधिकारी ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिले भर के 500 ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारियों ने विकास भवन घेरा।


दो आरोपी हिरासत में लिए गए - एएसपी
बीती रात थाना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम छाऊछ में विकास खंड कुम्भी में तैनात ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार  (26 )ने आत्महत्या कर ली।  मृतक का बैच 2018 का है और जिले में 8 माह से तैनाती थी ।यह खबर सुनते ही विजय कुमार शर्मा अध्यक्ष व सौरभ प्रकाश सिंह मंत्री ग्राम विकास अधिकारी संघ के नेतृत्व में जिले भर के 500 से अधिक ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारियों ने विकास भवन घेर लिया। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। सूसाइड नोट की चर्चा हर तरफ है। पापा को संबोधित सूसाइड नोट में मृतक ने जाति सूचक गालिया देने और धन उगाही को आत्महत्या का कारण बताया। सूसाइड नोट में प्रताड़ना देने वालो का नाम भी है। 28 अगस्त को किसान पंचायत में मृतक का जम कर अपमान किया गया। इस पंचायत का वीडियो भी वाइरल है। मृतक के पिता जिला मऊ निवासी कोमल प्रसाद की तहरीर पर 8 के विरुद्ध मामला थाना कोतवाली लखीमपुर में दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों में अध्यक्ष किसान यूनियन राकेश सिंह चौहान, तहसील अध्यक्ष महेश चंद्र वर्मा, मीडिया प्रभारी विकास शुक्ल, सेक्टर प्रभारी अनिल स्वामी, ब्लाक अध्यक्ष राम सिंह वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष कार्यवाहक प्रदीप शुक्ला श्यामू(किसान यूनियन के पदाधिकारी),देवरिया ग्राम पंचायत के प्रधान पुत्र हरदेव सिंह, रसूलपुर ग्राम पंचायत के प्रधान पति जुबेर अहमद शामिल है। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दो लोग हिरासत में लिए गए हैं।