लखनऊ में गन्ना आयुक्त के समक्ष किसानों का प्रदर्शन


लखनऊ में गन्ना आयुक्त के समक्ष किसानों का प्रदर्शन



अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में कुशीनगर से आये गन्ना किसानों ने प्रर्दशन करते हुए गन्ना आयुक्त को ज्ञापन दिया।ज्ञापन 
में जीपीएस द्वारा गन्ने की पड़ताल की जगह खतौनी के आधार पर स्थलीय भौतिक सत्यापन से गन्ना पर्ची जारी करने, बकाया गन्ना मूल्य का अविलंब ब्याज सहित भुक्तान करने, सहकारी गन्ना समितियों का कंप्यूटर से
पर्ची जारी करने, छोटे व बटाईदार किसानों का गन्ना पर्ची प्राथमिकता पर जारी करने,पेराई सत्र पूरा होने के साथ ही समस्त भुगतान सुनिश्चित करने, गन्ना सेंटर से मिल गेट तक बिचौलियों पर रोक लगाने,घटतौली पर रोक आदि मांगें थी। गन्ना संस्थान पर किसानों को संबोधित करते हुए अभाकिसान महासभा के प्रदेश महासचिव का०ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि मोदी-योगी सरकार  खेती का कारपोरेटीकरण कर रही है। तमाम सरकारी दावों के बावजूद किसानों का अ‌रबों रूपया अभी बकाया है। उन्होंने बिजनौर के गन्ना किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार किसानों के धैर्य को उनकी कमजोरी न समझे। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि के बजट में लगातार कटौती कर रही है ऐसे में किसानों की आमदनी को दूना करने की बात एकदम छलावा है। उन्होंने कहा कि  कृषि की उपेक्षा व किसानों की घटती क्रय शक्ति के कारण देश में मंदी है। उन्होंने कहा कि मोदी-योगी सरकार किसानों में नफ़रत व विभाजन पैदा कर रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से बटाईदार किसानों से फसल खरीदने की नीति स्पष्ट करने की मांग की। प्रर्दशन का नेतृत्व भाकपा-माले राज्य कमेटी सदस्य का०राधेश्याम मौर्य व कुशीनगर के जिला प्रभारी परमहंस सिंह ने किया।