मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया, सोनी सोरी पर फर्जी एफआईआर

मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया, सोनी सोरी पर फर्जी एफआईआर 


दिल्ली, 21 सितंबर, भाकपा (माले), आल इंडिया पीपुल्स फोरम , अखिल भारतीय किसान महासभा ने छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट बेला भाटिया, सोनी सोरी एवं पंचायत प्रतिनिधियों, ग्रामीणों पर झूठी एवं फर्जी एफआईआर दर्ज किए जाने की कड़ी भर्त्सना करते हुए एफआईआर को तत्काल निरस्त किए जाने की मांग की है. 


जारी बयान में तीनों संगठनों ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा नक्सलियों के नाम पर लगातार आदिवासियों को झूठी मुठभेड़ों में मारा और फंसाया जाता रहा है, भाजपा शासनकाल में अडानी को खनन के लिए विभिन्न इलाकों को सौंप देने के बाद अपने जंगल - जमीन को बचाने की लड़ाई में लगे निर्दोष आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर लगातार झूठी मुठभेड़ों में मारा जाता रहा है. कांग्रेस के सत्ता में वापसी के बाद भी इन स्थितियों में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है. 13 सितंबर की घटना भी इसी तरह की दुःखद पुनरावृत्ति थी जिसमें दंतेवाड़ा के किरंदुल थाने के गुमियापाल में 2 गरीब आदिवासियों की हत्या कर दी और एक अन्य को गायब कर दिया गया.
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए लगातार संघर्षरत मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया, सोनी सोरी एवं सरपंच के नेतृत्व में आदिवासियों ने जब फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ और लापता ग्रामीण को सामने लाने की मांग करते हुए थाने का घेराव किया तो 16 सितंबर को दंतेवाड़ा पुलिस ने बेला भाटिया, सोनी सोरी सहित सरपंच एवं ग्रामीण आदिवासियों के खिलाफ ही झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी.


उन्होंने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार से मांग की है कि राज्य में अडानी के हितों को साधने के लिए भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार के नक्शेकदम पर चलना बंद करे, आदिवासियों को मुठभेड़ों में मारे जाने के जिम्मेदार प्रशासन के अधिकारियों - पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय की जाए और उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो. साथ ही गायब आदिवासी की सुरक्षित वापसी हो. आदिवासियों के लिए संघर्षरत बेला भाटिया, सोनी सोरी सहित पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों पर झूठी एफआईआर निरस्त की जाय.


प्रभात चौधरी, गिरिजा पाठक, पुरुषोत्तम शर्मा


20 सितंबर 2019