नहर के पानी के लिए भिवानी में किसान आंदोलन

नहर के पानी के लिए भिवानी में किसान आंदोलन


प्रेमसिंह गहलावत


आज भिवानी जिले की तहसील के गांव ढाणी महू में किसान महापंचायत के बैनर तले ,नहरी पानी की सप्लाई न होने की वजह से यहां के 40 गांव के किसानों का धरना तथा भूख हड़ताल दिनाक 8 सितम्बर से लगातार जारी था ।आज अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेम सिंह गहलावत ने भी धरने में पहुंच कर अपने संगठन का पूर्ण समर्थन दिया।


कामरेड गहलात ने कहा सबसे पहले तो मैं आपकी पानी की मांग लेकर अपना व अपने संगठन अखिल भारतीय किसान महासभा की तरफ से पूरा समर्थन करता हूँ, किसानों की कोई भी मांग हो हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते आए हैं , सैंकड़ों वर्ष पहले, जब अंग्रेज यहां राज कर रहे थे उस वक्त हमारे देश के तमाम लोग उनके अत्याचारों से तंग आ गए थे उस समय 1857 की लड़ाई  भी बहुत मशहूर हुई थी,उस के बारे में आप सभी जानते हैं ,  हमारे देश मे  आज़ादी के लिए दो तरह की लड़ाई लड़ी गई, एक हिन्दुतान के पूंजीपतियों की सोच की पार्टियों द्वारा दूसरी लड़ाई शहीदे आजम भगत सिंह व उनके साथियों की सोच की पार्टियों द्वारा ,जिसमे वह लोग आम जनता के हकों के लिए लड़ते लड़ते फांसी पर चढ़ गए, उस वक्त  उनका मानना था कि असली आज़ादी वह होगी जब सत्ता का मालिक यहां का मेहनतकश होगा,यानी किसान मजदूर,ईमानदार ,मेहनती बुद्धिजीवी,परन्तु आज़ादी मिली यहां के पूंजीपतियों को व उनके सहयोगियों को इसीलिए 1947 से पूरी सत्ता पर इनका कब्जा रहता चला आ रहा है और यह हर पांच वर्ष में अपनी चहेती पार्टियों को चुनाव में विजय दिलवा कर अपने ही कार्य करवाते हैं।


भारत मे ज्यादातर जो भी विकास आपको दिखाई देता है उससे ज्यादा फायदा इन्ही को ही होता है,  किसान 18-20 घंटे रोजाना काम करने के बाद भी भूखा रहता है और आए दिन वह आत्महत्या भी करता है हिंदुस्तान में लाखों किसान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं,हक मांगने पर उनको क्या मिलता है,लाठी,गोली,जेल,और पूंजीपतियों को कहीं घाटा हो तो उसको मिलती है भारी मदद यानी हमारा मेहनत का रुपया भी उनके ही काम मे लग जाता है,और हमारी हालात क्या है यह सब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे,अब वक्त आ गया है कि इन लुटेरी सभी प्रकार की सरकारों को बाहर का रास्ता दिखाओ,हर चुनाव में हर प्रत्यासी से अपनी मांगों को लेकर सपथपत्र लेना अगर वह चुने जाने के बाद घोषणा पत्र के अनुसार कार्य न करे तो उसको वापिश बुलाने का अधिकार भी आपके पास होना चाहिए,दूसरे शब्दों में सत्ता की चाबी आपके पास होते हुए भी आपके पास क्यों नही है इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है,अन्त में मेरे विचार में पूरे भारत की किसानों को अपनी अपनी पहचान रखते हुए एक मंच पर इकठा होकर संघर्ष में उतरना चाहिए हमारे बीच डाली गई कोई भी फुट में हमारा ही नुकसान होगा,2017 में हमने मंदसौर जहां 6 किसान भाजपा की सरकार द्वारा गोली से मारे गए थे ,उसको लेकर एक जुटता से लड़ने का कार्य शुरू किया जिससे किसान के बारे में सभी पार्टियों ने सोचना शुरू किया था,इसलिए सभी छोटे बड़े,या अकेले किसानों की मांगों पर संघर्षशील एक जुट हो जाओ,इंक़लाब जिंदाबाद,भारत के सभी किसान मजदूर एक हों एक हों,धन्यवाद


किसानों के धरने की ताकत देख कर भिवानी के सांसद धर्मबीर ने धरना स्थल पर पहुंच कर यहां के किसानो की मांगों का समर्थन करते हुए तुरंत राहत पहुचाने के लिए कहा की 15 दिन के अंदर-अंदर नहरी पानी की व्यवस्था हो जाएगी और कहा कि पानी हमेशा मिले इसका भी आश्वाशन दिया ,इस प्रकार आज करीब साढ़े तीन बजे भूख हड़ताल पर बैठे किसानों को पानी पिलाकर धरना खत्म करवाया गया ।