जेएनयू छात्रसंघ पर ताला डालने की कोशिशों को छात्रों ने किया नाकाम
लिंग्दोह कमेटी की संस्तुतियों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा था कि उसने न पिछले साल की ओर न इस साल की जेएनयूएसयू को नोटिफाई किया है। नोटिस में विश्वविद्यालय संपत्ति का दुरुपयोग रोकने का हवाला देते हुए बुधवार शाम के 5 बजे तक जेएनयूएसयू का दफ्तर खाली करने के लिए कहा गया था। नोटिस के मुताबिक, बुधवार शाम तक इस दफ्तर को डबल लॉक कर दिया जाना था। डीन के नोटिस से नाराज़ जेएनयूएसयू के पदाधिकारियों के आह्वान पर करीब 500 छात्रों ने जेएनयूएसयू के दफ्तर के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी की और यूनियन दफ्तर पर ताला लगाने आए गार्ड्स को लौटने पर मज़बूर कर दिया।
यादव ने कहा कि जब तक नोटिस वापस नहीं लिया जाता प्रतिरोध जारी रहेगा। इस नोटिस को अदालत में भी चुनौती दी जाएगी। जेएनएसयू ने बयान जारी कर कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को पता होना चाहिए, जेएनयूएसयू दफ्तर डीन की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है। छात्र समुदाय के प्रतिनिधित्व और उनके यूनियन बनाने के अधिकार के इस प्रतीक को विश्वास के साथ जेएनयूएसयू को सौंपा गया है। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से भी जेएनयूएसयू के छात्रों द्वारा निर्वाचित और वैधता प्राप्त होने पर मुहर लग चुकी है।
जेएनयू प्रशासन की जेएनयूएसयू के खिलाफ किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। जेएनयूएसयू पदाधिकारियों ने आगाह किया है कि पहले ही छात्रों के सार्वजनिक स्पेस को बहुत हद तक खत्म कर चुके प्रशासन को जेएनयूएसयू दफ्तर नहीं छीनने दिया जाएगा। गौरतलब है कि 15 अक्तूबर को जेएनयूएसयू को अकेडेमिक काउंसिल (एसी) की बैठक में भी नहीं बुलाया गया था। तब भी जेएनयूएसयू और छात्रों ने विरोध दर्ज कराया था। ऑल इंडिया स्टूडेंट असोसिएशन (आइसा) ने जेएनयू की निर्वाचित स्टूडेंट यूनियन के दफ्तर पर तालाबंदी की कोशिश की निंदा की है।
(जनचौक से साभार)