किसान आंदोलन को समर्पित कामरेड प्रेमराम टम्टा का निधन


*कामरेड प्रेमराम टम्टा को अंतिम इंकलाबी सलाम*


कैलाश पांडेय


भाकपा (माले) के वरिष्ठ साथी कामरेड प्रेम राम टम्टा का परसों 2 नवंबर की शाम को निधन हो गया। भाकपा (माले) के नेतृत्व में सत्तर के दशक के अंतिम वर्षों में शुरू होकर नब्बे के दशक तक चले बिन्दुखत्ता के भूमि संघर्ष के दौरान कामरेड प्रेम राम टम्टा अस्सी के दशक के शुरुआती वर्षों में गांव से बिन्दुखत्ता पहुँचने के बाद से ही आंदोलन में सक्रिय हो गए थे। भूमि दखल आंदोलन के दौरान जल्द ही उन्होंने पार्टी की मेम्बरशिप ली और आजीवन कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने रहे। बिन्दुखत्ता की लड़ाई के हर मोड़ और आंदोलन के सक्रिय साथी कामरेड टम्टा राशन कार्ड आंदोलन, सेंचुरी पल्प एन्ड पेपर मिल के खिलाफ चले आंदोलन, दूध आंदोलन, खत्ता वासी-वनवासियों के अधिकार आंदोलन, संजना बलात्कार-हत्याकांड के खिलाफ चले आंदोलन, नगरपालिका विरोधी आंदोलन से लेकर हाल-हाल में चले हाथी कॉरिडोर हटाओ-बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव बनाओ आंदोलन तक हर हमेशा सक्रिय भागीदारी करते रहे। इधर कुछ समय से उनका स्वास्थ्य उनका साथ नहीं दे रहा था बावजूद इसके जब भी वो पहुँचने की स्थिति में रहते आंदोलन हो या मीटिंग जरूर पहुंच जाते। कामरेड प्रेम राम टम्टा की अंतिम यात्रा आज 3 नवंबर को उनके घर से कामरेड प्रेम राम टम्टा को इंकलाबी लाल सलाम, कामरेड प्रेम राम टम्टा अमर रहें के नारों के साथ निकली। अंतिम यात्रा में उनके परिजनों के अतिरिक्त भाकपा(माले) के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा, बहादुर सिंह जंगी, भुवन जोशी, विमला रौथाण, बसंती बिष्ट, बिशन दत्त जोशी, स्वरूप सिंह दानू, डॉ. कैलाश पाण्डेय, गोविंद सिंह जीना, ललित मटियाली, कमलापति जोशी, रमेश भट्ट, चंदन राम, विनोद कुमार, गोपाल गड़िया, कमल जोशी, ललित जोशी, नारायण नाथ, लाखन सिंह समेत बड़ी संख्या में माले नेता कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कामरेड प्रेम राम टम्टा को श्रद्धांजलि देने हुए माले राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि, "कामरेड प्रेम राम टम्टा हमारी पार्टी की क्रांतिकारी परंपरा की खास धरोहर थे। वे पार्टी की अगुवाई में चलने वाले संघर्षों में प्रथम पंक्ति के साथियों में से एक थे। सरलता और सहजता उनकी स्वभावगत विशेषता थी। उनकी कमी हमेशा खलेगी।"