जामिया के 'रक्तरंजित इतवार' और मेरठ हिंसा पर रिपोर्ट
दिल्ली के प्रेस क्लब में गुरुवार को नागरिकता संशाेधन कानून विरोधी आंदोलन में देखी गयी हिंसा और राजकीय दमन पर एक जांच दल ने रिपोर्ट जारी की। जामिया मिलिया में पुलिस के दमन पर जारी रिपोर्ट “ब्लडी सन्डे” (यानी रक्तरंजित इतवार) और मेरठ में हिंसा पर भी जारी रिपोर्ट के मौके पर दिल्ली के यूपी भवन के बाहर से करीब पचास प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जो यूपी के हालात पर अपना विरोध जताने जुटे थे।
दिल्ली से सटे मेरठ में 20 दिसंबर को नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा और हत्याओं की छानबीन करने के लिए स्वराज पार्टी के योगेन्द्र यादव, सीपीआई-एमएल पोलितब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन और रियाद आज़म ने 25 दिसम्बर को मेरठ का दौरा किया और घटनास्थल, अस्पताल, घायलों और पीड़ित परिवार के सदस्यों और गवाहों से मुलाकात की और उनके बयान दर्ज किये.
गुरुवार दोपहर 12 बजे दिल्ली के प्रेस क्लब में जांच दल के सदस्यों ने एक प्रेस वार्ता में अपनी रिपोर्ट जारी कर दी. प्रेस कॉन्फ्रेंस का लाइव प्रसारण नीचे देखा जा सकता है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मेरठ में जो हुआ बहुत बुरा हुआ. गरीब और वंचितों को मारा गया और जो मारे गये पुलिस ने द्वारा उन्हीं के खिलाफ केस दर्ज किये गये. पीड़ितों के परिवारों की शिकायत पर पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है।
वक्ताओं के अनुसार यह वक्त उनको आर्थिक और कानूनी मदद देने का है. क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण है और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पुरुष रात भर जागकर पहरेदारी कर रहे हैं घरवालों की रक्षा के लिए.
इस प्रेस वार्ता में जामिया में 13-15 दिसम्बर को हुए पुलिसिया दमन की भी रिपोर्ट और यूपी में कानून व्यवस्था पर भी एक रिपोर्ट जारी की गई है.