विभाजनकारी राजनीति और बड़ी पूंजी की सेवा का छुपा एजेंडा -
गतांक से आगे जारी...
पुरुषोत्तम शर्मा
अकेले पंजाब में 4 लाख आवारा सांड और गाएं
2012 की पशु गणना के अनुसार पंजाब में 1.20 लाख अमरीकन नस्ल के आवारा सांड और गायें थी. इसके साथ ही राज्य की पंजीकृत गौशालाओं में भी 1.70 लाख गायें और सांड थे. पंजाब से आप पार्टी के सांसद भगवंत मान ने शीतकालीन सत्र में इस सवाल को संसद में भी उठाया था कि बिजली के बिलों और अन्य टैक्स पर जब सरकार आवारा गाय की देखभाल के नाम पर सैस वसूल रही है तो फिर इनकी व्यवस्था क्यों नहीं करती? किसान नेता रुलदू सिंह ने बताया कि इस वक्त पंजाब में 4 लाख आवारा सांड और गाएं हैं.
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के देहरादून नगर निगम क्षेत्र में ही 22 हजार आवारा गायें और सांड है. यहां एक गौशाला है जिसकी क्षमता मात्र 50 पशु है और वहां अभी 90 पशु ठूँसे हुए हैं. देश की राजधानी दिल्ली का उत्तरी नगर निगम हर साल लगभग 4500 आवारा गायों व सांडों को पकड़ता है. पर अब गौशालाओं द्वारा इन पशुओं को लेने से इनकार के बाद इन्हें पकड़ने का काम ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया है. मध्य प्रदेश के सतना शहर में अगस्त 2017 में 3,500 आवारा गायें और सांड थे. बुंदेलखंड (उत्तर प्रदेश) के चित्रकूट मंडल में सन् 2007 में जहां 28,343 आवारा गायें थी वहां इनकी संख्या सन् 2017 में 2,13,658 पहुँच चुकी थी. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आवारा सांडों के हमले में 6 लोग जान गंवा चुके हैं. इसी तरह आवारा सांडों के हमलों में हो रही लगातार मौतों के खिलाफ पंजाब के मानसा शहर में शहरी लोगों और व्यापारियों ने महीनों लगातार धरना चलाया है.