किसान के बजाय कारपोरेट को राहत दे रही मोदी सरकार

किसान के बजाय कारपोरेट को राहत दे रही मोदी सरकार


जगदीश इनामदार


दिनाक 15 जनवरी 2020 को मुम्बई के वाई बी चौहान सेंटर में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप सदस्यों की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई जो सुबह 11 बजे से सांय 7 बजे तक चलाई गई, बैठक में मुख्यतः 8 जनवरी ग्रामीण भारत बंद में जीसान संगठनों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई, चर्चा में पाया गया कि जिसमे पूरे देश मे बंद को भारी सफलता मिली। 16 जनवरी 2020 की सांय 4 बजे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की दूसरे दिन की बैठक समाप्ति के बाद किसानो के मुद्दों के विषय अनुसार वाय बी चौहान केंद्र में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमे केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया कि मोदी सरकार किसानों को राहत देने की बजाय बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुचाने का कार्य ही कर रही है, समय रहते केंद्र सरकार ने जो वायदा किसानों के साथ किया था कि किसानों की आमदनी दोगुना करेगी परन्तु किसान अभी अपनी दो मुख्य मांग जैसे कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करना फसल का डेढ़ गुना दाम, और सभी किसानों के ऊपर किसी भी प्रकार के कर्जों से मुक्ति, आवारा पशुओं से किसानों की फसलों को सुरक्षा प्रदान कर खेती को लाभकारी बनाने को लेकर कदम उठाए कॉरपोरेट कंपनियों को फसल बीमा द्वारा ठगा जाना बंद करवाए, आज की इस प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वी एम सिंह, पूर्व सांसद राजू शेट्टी, महासचिव अविक शाह, योगेंद्र यादव, राजा राम सिंह, प्रतिभा शिन्दे, अतुल अंजान, प्रेम सिंह गहलावत आदि मौजूद रहे।