भाकपा (माले), ऐक्टू के आह्वान पर मजदूरों की घर वापसी के लिए आंदोलन

भाकपा (माले), ऐक्टू के आह्वान पर मजदूरों की घर वापसी के लिए आंदोलन


पुरुषोत्तम शर्मा


प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के समर्थन में 18-19 अप्रैल को भाकपा (माले) ऐक्टू के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल- धरना कार्यक्रम सफल रहा। देश भर के सभी राज्यों में माले, ऐक्टू व उनसे जुड़े तमाम सांगठनों के कार्यकर्ता अपने कार्यलयों, घरों व गांवों में दो दिवसीय भूख हड़ताल और धरने पर बैठे। लॉक डाउन के दौर में जब जान जुटाव के कार्यक्रम संभव न हों, भाकपा (माले) ने आंदोलन के इन नए प्रयोगों के जरिये दिखा दिया है कि वाकई वही इस देश में वैकल्पिक राजनीति की क्रांतिकारी धारा है।
             


आंदोलन की निम्न माँग थी।
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● प्रवासी मजदूरों के हितार्थ कार्य-योजना घोषित करो. 


● प्रवासी मजदूरों की स्वास्थ्य जाँच करा निःशुल्क सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करो!


● सभी कामगारों को 3 महीने का राशन 10000 रू० *लॉक डाउन  गुजारा भत्ता* भुगतान करो !


● प्रवासी-असंगठित मजदूरो की छंटनी-वेतन कटौती बंद करो.


●प्रवासी मजदूरों की नौकरी- वेतन सुरक्षा सुनिश्चित करो.


● प्रवासी-असंगठित मजदूरों के आश्रय स्थलों-निवासों पर राशन,भोजन, स्वच्छता की व्यवस्था करो .


●शहरी वार्ड-ग्राम पंचायत स्तर पर ट्रेड यूनियनों व इच्छुक नागरिकों को शामिल कर लॉक डाउन रिलीफ कमिटी के गठन करो.


●प्रवासी मजदूरों पर पुलिसिया बर्बरता बंद करो.
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