पकड़ा गया आरएसएस और स्मृति ईरानी का झूठ

पकड़ा गया आरएसएस और स्मृति ईरानी का झूठ


केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उस रिपोर्ट को खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लॉकडाउन के चलते वायनाड में फंसे अमेठी के मजदूरों की मदद की थी.


बुधवार को मुख्यमंत्री पी विजयन ने कोरोना वायरस को लेकर एक अहम बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में इस रिपोर्ट का खंडन किया. उन्होंने कहा, ‘जब हमें यह जानकारी मिली थी कि 41 प्रवासी मजदूर वायनाड में एक जगह पर एक साथ रह रहे हैं, तब पंचायत के अधिकारियों ने उन्हें खाने की 25 किट सौंपी क्योंकि मजदूरों ने कहा कि वह अपना खाना खुद बना लेंगे. अब उनके पास खाने की कोई कमी नहीं है.’




मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘लेकिन इसको लेकर (आरएसएस के मुखपत्र) आर्गेनाइजर में लिखा गया कि स्मृति ईरानी के समय रहते हस्तक्षेप करने से अमेठी के भूखे मजदूरों को वायनाड में मदद मिली. मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों व राज्य के लोगों की हर संभव मदद कर रही है. इस समय इस तरह का कोई मुकाबला नहीं होना चाहिए या दुष्प्रचार नहीं होना चाहिए या राज्य सरकार के प्रयासों को नीचा नहीं दिखाया जाना चाहिए.’



बीते सोमवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र आर्गेनाइजर में एक रिपोर्ट छपी थी जिसका टाइटल था ‘स्मृति ईरानी ने अमेठी के उन मजदूरों की मदद की, जो राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में फंसे थे’. रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरानी के वक्त रहते निर्णय लेने से वायनाड में फंसे इन भूखे प्रवासी मजदूरों को बचाया जा सका.


आर्गेनाइजर में छपने के बाद यह खबर इसलिए भी सुर्खियों में आ गयी थी क्योंकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड से ही सांसद हैं. स्मृति ईरानी ने बीते साल हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को उनके पुराने संसदीय क्षेत्र अमेठी से हराया था.