अमनमणि प्रकरण : जवाब तो योगी और त्रिवेन्द्र को देना होगा
अमनमणि प्रकरण : जवाब तो योगी और त्रिवेन्द्र को देना होगा
राजस्थान में फंसे उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के एक प्रवासी कामगार युवा,इस बात को लेकर परेशान थे कि वे घर कैसे पहुंचेंगे. निजी वाहन किराये पर लेकर आने के संदर्भ में जानकारी के लिए कल उन्होंने आठ मिनट के अंतराल में चार बार मुझे फोन किया. ये युवक 55 दिन से वहाँ अकेले फंसा है.इसलिए उसकी व्यग्रता और उतावलापन गैर वाजिब भी नहीं कहा जा सकता. ऐसे सैकड़ों युवा हैं,जो घर पहुँचने का रास्ता तलाश रहे हैं. सरकारी नंबरों से कोई जवाब नहीं मिलते तो हमारे जैसे राजनीतिक-सामाजिक लोगों को जानकारी और तसल्ली के लिए फोन करते हैं.
अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बद्रीनाथ के कपाट खुले बगैर अमनमणि के काफिले को बद्रीनाथ जाने की अनुमति दी,क्या मुख्यमंत्री इसे ठीक समझते हैं ?कर्णप्रयाग के उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता और चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने केंद्र सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने के लिए अमनमणि की सत्ता की हनक की भी परवाह नहीं की. इन अफसरों ने फिर यह साफ करने का संदेश दिखाया कि अफसरों को नियम-कायदों का पाबंद होना चाहिए,किसी व्यक्ति विशेष का नहीं. मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि वे कोरोना काल में अपने कर्तव्यों का मुस्तैदी से पालन कर रहे अफसरों के साथ हैं या फिर केंद्र सरकार के लॉकडाउन निर्देशों की धज्जियां उड़ाने वाले अपने चहेते अफसर ओमप्रकाश के साथ हैं ?
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