गुजरात में मास्क व पीपीई किट की मांग पर डॉक्टर्स का धरना
ये जो लोग नजर आ रहे हैं। धरने पर हैं। लेकिन जेनएयू से नहीं हैं। मुसलमान भी नहीं हैं। देशद्रोही और वामी, कामी, कोंगी, खोंग्रेसी भी नहीं हैं। ये #डॉक्टर्स हैं। जगह #अहमदाबाद के सरदार बल्लभ भाई पटेल अस्पताल की है। इनकी सैलरी बढ़ाने की डिमांड नहीं है, न ही इन्हें कोई वीआईपी सुविधा चाहिए।
बस इनका कहना है कि हमें कोरोना मरीजों के बार्ड में भेजा तो जा रहा है लेकिन हमें #N95मास्क नहीं दिए जा रहे। कमसे कम हमें अच्छे मास्क तो दिए जाएं, हमें पर्सनल प्रोटेक्टिव किट्स(#PPE) दिए जाएं ताकि हमारी भी जान बच सके। बस इतनी सी मांग है इनकी। याद रखिए कोई धरने पर एक दिन में नहीं बैठ जाता। पूरा ढंग देखने के बाद, तंग होकर ही कोई धरने पर बैठता है इतने बड़े स्तर पर।
बताइए एकदम कोरोना के मरीज से कांटेक्ट के लिए इन्हें बाध्य किया जा रहा है लेकिन 400-500 रुपए के पीपीई किट व मास्क नहीं दिए जा रहे। एक डॉक्टर के कोरोना से कांटेक्ट होने का मतलब है पूरे अस्पताल का सील हो जाना।
आप क्यों नहीं समझते कि इन्हें आपकी तालियों की नहीं मास्क की जरूरत है, PPEs की जरूरत है। और ऐसा नहीं है कि N95 मास्क की निहायत कमीं हैं। बिल्कुल नहीं हैं। ये मास्क इतने तो उपलब्ध हैं कि कम से कम डॉक्टरों के लिए उपलब्ध करवाए जा सकें।
प्रधानमंत्री के ही स्पीच को सच मान लूं तो देश में प्रत्येक दिन 2लाख PPEs. बनाई जा रही हैं। लोगों तक तो पता नहीं कब पहुंचेंगी, लेकिन डॉक्टरों तक भी नहीं पहुंच पा रहीं, समझ नहीं आती है ये बात।
(Shyam Meera Singh - रंजन गांगुली की वाल से)