मोदी सरकार का राहत पैकेज - किसानों के लिए धोखे का पिटारा

मोदी सरकार का राहत पैकेज - किसानों के लिए धोखे का पिटारा


अखिल भारतीय किसान महासभा


प्रेस विज्ञप्ति
14 - 05 - 2020


आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा देश के किसानों, प्रवासी मजदूरों और पटरी वालों के लिए की गई राहत पैकेज की घोषणा धोखे का एक और पिटारा साबित हुआ है। इसमें देश के किसानों को धोखे के सिवा कुछ भी नहीं दिया गया है। 


देश के किसानों की प्रमुख मांग थी-


1 - लॉक डाउन की स्थिति में किसानों की फसलों की सरकारी खरीद गांव स्तर पर सुनिश्चित हो!


2 - प्राकृतिक आपदा और लॉक डाउन के कारण बर्बाद हुई किसानों की फसलों का 25 हजार रुपया प्रति एकड़ मुआवजा मिले!


3 - घाटे की खेती से उबरने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार C- 2 सहित फसल की कुल लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिले!


4 - सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण आत्महत्या को मजबूर देश के किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ हो!


5 - कोरोना संकट से उबरने के लिए सरकार हर किसान परिवार को 10,000 रुपया नकद आर्थिक सहायता दे!


6 - गन्ना किसानों का मिलों पर संपूर्ण बकाए का ब्याज सहित भुगतान हो!


7 - कोरोना, भूख और लॉक डाउन काल में दुर्घटनाओं में मरे लोगों के परिजनों को 20 लाख मुआवजा दें!


पर मोदी सरकार द्वारा आज घोषित आर्थिक पैकेज में किसानों की इन प्रमुख मांगों की पूरी तरह अनदेखी की गई है। कर्ज में डूबे किसानों के लिए निर्मला सीतारमन ने अपने पैकेज में सिर्फ नए ऋण लेने की व्यवस्थाएं की हैं। उसमें भी ज्यादातर पूर्व में किसानों द्वारा लिए गए ऋणों के आंकड़े हैं, इन आंकड़ों का मोदी सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के नए आर्थिक पैकेज से कोई लेना देना है ही नहीं।


(केंद्रीय कार्यालय - 
U -90, शकरपुर, 
दिल्ली - 110092 से जारी)