सरकारों ने छोड़ा, मजदूर संगठनों ने थामा मजदूरों का हाथ
सैय्यद अरफ़ात अली
उन्होंने कहा हम मजदूरों के संगठन है और हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इस संकट के समय लोगों के साथ खड़े हो इसीलिए हमे जो वेतन मिलता हैं उसी से बचा कर असंगठित क्षेत्र के मजदूर साथियों के लिए कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं, मैं तो सरकार से कहना चाहता हूं कि रात दिन हम रेल कर्मी जान हथेली पर ले कर रेलगाड़ी चलाकर प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचा रहे हैं, और हमारा ही वेतन सरकार काट रही है, मैं तो कहता हूँ कि थोड़ा वेतन हमारा और काट लीजिए लेकिन हमारे देश के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भूख से तड़पा कर न मारिए और नाहि रेलवे का संचालन बिगाड़कर रेलवे को बदनाम करके रेलवे का निजीकरण करने की कोशिश करिये। रेल यात्रा के दौरान जो मजदूरों की मौतें हो रही है वो बहुत ही दुःख दायी व कष्टदायी है ।