शोध में नहीं, लूट के व्यापार में लगा है इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल साइंस
गिरीश मालवीय
कहते हैं कि बायोकॉन की किरण मज़ूमदार शॉ ने सार्वजनिक तौर पर बताया है कि वो उस कमेटी का हिस्सा थी. उस कंपनी ने मायलैब्स के साथ साझेदारी की और मायलैब्स कोविड के टेस्ट की किट बनाती है. इस तरह से ये हितों के टकराव का मामला बनता है. यह खबर वरिष्ठ स्वास्थ्य पत्रकार विद्या कृष्णन ने ब्रेक की थी. बाद में किरण मज़ूमदार शॉ इस बयान से पलट गई कि वह उस कमेटी का हिस्सा थी.
विद्या कृष्णन कहती है कि दुनिया के बड़े से बड़े देश में भी ये टेस्ट फ़्री में हो रहे हैं. बांग्लादेश में ये टेस्ट फ़्री में हो रहा है, अमरीका में बिल लाया गया है ताकि मरीज़ों को टेस्ट के पैसे ना देना पड़े. श्रीलंका में फ़िलहाल केवल सरकारी लैब्स में ही ये टेस्ट हो रहा है, पाकिस्तान में प्राइवेट लैब्स में हो रहा है लेकिन वहां क़ीमत पर सरकार का नियंत्रण है. और यहां से कम भी है.