असली नायक सड़क पर आए तो खलनायकों को भागना पड़ता है

असली नायक जब सड़क पर आ जाए, तो खलनायकों को भागना पड़ता है।


Anita Misra ki wall se


अमेरिकन्स की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी जहां एक तरफ लाखों लोग कोरोना संक्रमित हैं, लेकिन एक अश्वेत के साथ हुई ज्यादती के खिलाफ़ लोग परवाह किये बिना सड़कों पर निकल पड़े। हर जगह लोगों के मन में अपने देश के अल्पसंख्यक के लिए ऐसी ही भावना होनी चाहिए।


सारे घटनाक्रम में जो दो बातें बहुत अच्छी लगी उनमें एक है उस क्रूर पुलिस ऑफिसर की पत्नी का अपने पति को तलाक की घोषणा करना ..शुक्र है वो लोग पतिदेव से जुड़े व्रत, उपवास नहीं करती, वरना अपने लंपट पति का साथ देने की मजबूरी होती।


दूसरी जो तस्वीर अच्छी लगी वो मियामी के पुलिस वालों का घुटनों के बल बैठकर इस घटना के लिए अफसोस ज़ाहिर करना। एक बात और जिन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है कई हॉलीवुड के नायक उनकी जमानतें करवा रहे हैं। हमारे ज्यादातर नायक तो सरकार और सिस्टम की ज्यादती को सही साबित करने में चापलूसी के तौर पर लगे रहते हैं।


और ये भी पता चला कि ऐसे हालात हुए कि पहली दफा व्हाइट हाउस की लाइट ऑफ की गई। ट्रम्प को बंकर में छुपना पड़ा। ......ये तो होना है जब असली नायक यानी कि जनता सड़क पर होती है तो खलनायकों को भागना ही पड़ता है।