कोरोना संक्रमण-जब खास का ये हाल तो आम का क्या होगा

कोरोना संक्रमण-जब खास का ये हाल तो आम का क्या होगा


56 साल के सब- इंस्पेक्टर रामलाल बोरघरे पश्चिमी जिले की लीगल सेल में तैनात थे और सपरिवार दिल्ली के प्रताप विहार में रहते थे. उन्हें 5-6 दिन से बुखार आ रहा था. 1 जून को सुल्तानपुरी में एक क्लीनिक में उनका टेस्ट हुआ तो जांच में टाइफाइड निकला.


उसके बाद उन्हें तेज बुखार और सांस लेने की तकलीफ के चलते 2 जून को पंजाबी बाग के एमजीएस अस्पताल ले जाया गया, जहां से कोरोना की जांच के लिए डीडीयू अस्पताल रेफर कर दिया गया. डीडीयू अस्पताल से रामलाल को गोल्डन ट्यूलिप सेंटर कोरोना की जांच के लिए भेज दिया गया, लेकिन वहां उनकी कोरोना की जांच नहीं हुई क्योंकि डीडीयू अस्पताल ने जांच के लिए जो रेफर पर्ची दी थी वो स्वीकार नहीं कि गई.


इसके बाद वो परिजनों द्वारा वापिस पंजाबी बाग के एमजीएस अस्पताल लिवाए गए. वहां कहा गया अब उनका कोरोना टेस्ट अगले दिन यानि 3 जून को होगा. 3 जून को जब रामलाल का परिवार उन्हें लेकर एमजीएस अस्पताल कोरोनो की जांच के लिए अस्पताल पहुंचा ही था अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसी दिन शाम 6:50 बजे रामलाल की एमजीएस अस्पताल में मौत हो गई.


मौत के बाद अस्पताल ने रामलाल की डेथ समरी में मौत की वजह सांस लेने की तकलीफ के चलते हार्ट अटैक लिखा. इसके बाद आकाश के एक दोस्त ने पीसीआर कॉल कर शिकायत की और कहा कि रामलाल की मौत कोरोना के चलते हुई है लेकिन रात पौने 9 बजे तक उनकी कोरोना की जांच नहीं कि गई.


उसके बाद 4 जून को पुलिस ने एसडीएम पंजाबी बाग को पत्र लिखकर रामलाल के शव से कोरोना के सैंपल लेने के लिए कहा. इसके बाद एसडीएम पंजाबी बाग ने संजय गांधी अस्पताल के एमएस को लेटर लिखकर रामलाल की कोरोनो जांच करने के लिए कहा,लेकिन 6 जून को संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने शव से कोरोना के सैंपल लेने से यह कहते हुए मना कर दिया कि दिल्ली सरकार के आदेश के हिसाब से डेड बॉडी से कोरोनो के सैंपल नहीं ले सकते.


उसके बाद 6 जून को मृतक रामलाल की पत्नी ने पुलिस में शिकायत कर एमजीएस अस्पताल की लापरवाही की जांच करने के लिए कहा. इसके बाद 8 जून पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी ऑफिस से दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर एक मेडिकल बोर्ड बनाकर रामलाल के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा गया जिससे रामलाल की पत्नी के आरोपों की जांच हो सके.


मौत के 6 दिन बाद लिया गया कोरोना सैंपल उसके बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने लेडी हार्डिंग अस्पताल को एक मेडिकल बोर्ड बनाकर रामलाल के पोस्टमॉर्टम का आदेश दिया,फिर 9 जून को रामलाल के शव को लेडी हार्डिंग अस्पताल में शिफ्ट किया गया,जहां उसका रामपाल के कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए.


10 जून को रामलाल की कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई,. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर नियम के हिसाब से फिर रामलाल का पोस्टमार्टम नहीं किया गया और उसके बाद रामलाल के घरवालों ने उसका अंतिम संस्कार किया.


(जयपाल नेहरा की वाल से)