महिला नेता जीरा भारती के हमलावरों को योगी पुलिस का संरक्षण

जीरा भारती के हमलावरों को गिरफ्तार कर योगी पुलिस


भाकपा (माले) की राज्य कमेटी सदस्य व ऐपवा नेता जीरा भारती पर मिर्जापुर में बुधवार शाम को जानलेवा-यौन हमला हुआ। हमला उस समय हुआ जब कामरेड भारती एक जुलाई की शाम मिर्जापुर से अपने घर जा रही थीं। उन पर पटेहरा में सामंती लम्पटों ने हमला किया। प्राइवेट पार्ट पर लात मारी गई। उन्हें गंभीर चोट आई।


घटना स्थल पर लगभग आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची। एक घंटे बाद एम्बुलेन्स भी आया। पटेहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उनका प्राथमिक इलाज हुआ। लेकिन संबंधित थाना मड़िहान में तहरीर देने पर अगले दिन दोपहर बाद तक उक्त हमले की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।


पुलिस तहरीर लेने के बाद पहले मामले की जांच करने फिर रिपोर्ट दर्ज करने की बात कर मामले पर लीपापोती करने में लगी है। पुलिस की इस हरकत की जानकारी एसपी-डीएम को भी दी गई।


चोटिल होने के बावजूद कामरेड जीरा भारती (गुरुवार दो जुलाई को) दोपहर तक थाने में अपने पार्टी साथियों के साथ डटी हुई थीं। उनकी मांग एफआईआर दर्ज कर हमलावरों को गिरफ्तार करने की है। पोस्ट लिखे जाने तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।


कामरेड जीरा भारती दलित सामाजिक पृष्ठभूमि से आती हैं और जिले में खेत मजदूरों की लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने मजदूरी बढ़ाने, कोटेदारों की मनमानी और मनरेगा में भ्रष्टाचार आदि के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ी हैं।


योगी सरकार में महिलाओं व दलितों पर हमले की एफआईआर भी दर्ज कराना मुश्किल है, अपराधियों, दबंगों की गिरफ्तारी तो और भी मुश्किल है। मिर्जापुर के अलावा चंदौली समेत कुछ अन्य जिलों में भी हाल में माले नेताओं और दलितों पर शारीरिक हमले की घटनाएं हुई हैं, लेकिन हमलावर सत्ता-संरक्षण में आजाद हैं।


आंदोलनकारी नेताओं पर पुलिस दमन तेज हुआ है। सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज व अयोध्या में माले नेताओं पर शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर पुलिस द्वारा हाल में एफआईआर दर्ज किए गए हैं।


मिर्ज़ापुर की महिला नेता जीरा भारती पर जानलेवा यौन-हमले की पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने, हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग के साथ उत्तर प्रदेश में महिलाओं-दलितों पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ भाकपा-माले और ऐपवा ने चार जुलाई को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का का ऐलान किया है।