संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्षशील ताकतों की एकता का प्रयास

संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्षशील ताकतों की एका का प्रयास


पुरुषोत्तम शर्मा


आल इंडिया पीपुल्स फोरम (एआईपीएफ़) ने संविधान और लोकतंत्रपर हो रहे हमलों के खिलाफ देश भर में संघर्षरत संगठनों, व्यक्तियों, समूहों और राजनीतिक दलों के एक साझे मंच के निर्माण के लिए पहल शुरू कर दी है। इस पहल के तहत एआईपीएफ ने एक अपील जारी की है। एआईपीएफ से जुड़े संगठन इस अपील को लेकर देश भर में संघर्षरत ताकतों से संवाद शुरू कर रहा है। पेश है इस संबंध में एआईपीएफ द्वारा जारी अपील-


जनसंघर्षों के वृहद एका के लिए एआईपीएफ की अपील:


साथियो! देश के वर्तमान हालातों से आप पूरी तरह अवगत हैं. कोविड -19 महामारी के इस संकटकाल में सरकार का फ़ासीवादी चेहरा और भी स्पष्ट रूप से बेनक़ाब हुआ है।


इस परिदृश्य में जब देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो “आपदा में भी अवसर” ढूंढ लेते हैं तो उनका आशय उनकी कारवाइयों से स्पष्ट समझ आता है. वह संकट के इस मौके को नागरिकों को संविधान में प्राप्त न्यूनतम अधिकारों को भी खत्म करने, श्रम कानूनों में बदलाव, असहमति के किसी भी स्वर को दबाने, संघर्षरत राजनैतिक - सामाजिक - सांस्कृतिक, बौद्धिक, छात्र, दलित, अल्पसंख्यक, महिलाएं - सीएए - एनसीआर विरोधी एवं नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने, संवैधानिक संस्थाओं को पूर्णतः निष्क्रिय करने / दबाव बनाने के अवसर के तौर पर देखते हैं।


अमेरिका परस्त विदेश नीति और राजनयिक कूटनीति की असफलताओं के कारण पड़ोसी मुल्कों से हमारे संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. पड़ोसियों से संबंधों में सुधार के बजाय सरकार इसे जनता के बीच युद्धोन्मादी भावनाओं को हवा देकर अपने राजनैतिक हित साध रही है. इसी की आड़ में वह बिहार और बंगाल के चुनाव की वैतरणी पार करना चाहती है. संकेतों से साफ है कि आने वाले समय में देश के बहुसंख्यक ग़रीब - मजदूर, निम्न मध्यमवर्ग और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों का जीवन बड़े संकट में फंसने वाला है।


एआईपीएफ मानता है कि देश के लोकतंत्र - संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को बचाने के लिए संघर्षरत सभी लोकतांत्रिक - प्रगतिशील - वामपंथी धाराओं का इनके खिलाफ एकजुट संघर्ष के लिए एक वृहद एकता में जुड़ना हमारी ऐतिहासिक जिम्मेदारी है.


2015 में गठित ऑल इंडिया पीपुल्स फ़ोरम (एआईपीएफ) ज़मीन, जीविका, शिक्षा व स्वास्थ, न्यायपूर्ण व समान विकास, न्याय, शांति, सम्मान व आजादी के लिए जन संगठनों, सामाजिक आंदोलनों, मजदूर संगठनों और राजनैतिक दलों समेत विभिन्न प्रगतिशील - लोकतांत्रिक धाराओं से जुड़े विभिन्न प्रगतिशील - लोकतांत्रिक नागरिकों, संस्थाओं, संगठनों का एक साझा मंच है, हमारी कोशिश है कि देश में चल रहे सभी लोकतांत्रिक संघर्षों में एकजुटता के लिए प्रयास किए जाऐं.


इस दौर में, जबकि देश की सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को लगातार निष्क्रिय करते हुए खत्म करने की कोशिशें हो रही हैं. एक ओर सरकार संविधान - लोकतांत्रिक संस्थाओं पर लगातार हमले कर उन्हें खत्म कर रही है. दूसरी ओर खिलाफ़त करने पर चुन - चुन कर नेतृत्वकारियों - कार्यकर्ताओं - नागरिकों पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं. समाज के सबसे कमजोर तबके - अल्पसंख्यक -दलित - आदिवासी - महिलाऐं - छात्र - नौजवान इनके निशाने पर हैं.


ऐसी स्थिति में एआईपीएफ महसूस करता है कि आज किसी भी दौर से ज्यादा अपने देश के संविधान - लोकतंत्र - लोकतांत्रिक संस्थाओं - लोकतांत्रिक अधिकारों और देश की गंगा - जमुनी तहजीब को बचाने के लिए एकताबद्ध साझा संघर्ष की जरूरत सभी संघर्षरत ताकतों की ऐतिहासिक जिम्मेदारी है .


एआईपीएफ राष्ट्रीय परिषद और सचिवालय ने तय किया है कि देश भर के लोकतांत्रिक संघर्षो से जुड़े सभी प्रगतिशील, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक समझ रखने वाले संगठनों - संस्थाओं - व्यक्तियों से संवाद करना चाहिये और लोकतांत्रिक संघर्षों के उनके और हमारे प्रयासों की साझा जमीन तलाश करनी चाहिये। इसके लिये एआईपीएफ सचिवालय सभी संघर्षरत ताकतों से संपर्क कर चर्चा शुरू करने का प्रयास करेगी। ऐसी चर्चा लगातार चले, जिससे कि संगठनों के बीच की आपसी समझ विकसित करने में मदद मिलेगी.


साथियों! आशा है देश भर में फैले लोकतांत्रिक, जनवादी और प्रगतिशील संगठनों - संस्थाओं - स्वयंसेवी समूहों और व्यक्तियों के एकजुट प्रयास से संविधान और लोकतंत्र को बचाने और लोकतांत्रिक संघर्षों के पक्ष में साझे संघर्ष के लिए चलाए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा।


अपेक्षा के साथ.


विजय प्रताप


(समाजवादी समागम) संयोजक, जनसंघर्षों की एकता के लिए गठित समूह, एआईपीएफ, 9910770263


जान दयाल


(मानवाधिकारवादी एवं वरिष्ठ पत्रकार), 9811021072


कविता कृष्णन


(सचिव, एपवा), 9560756628


शंभू शरण श्रीवास्तव


(संयोजक, बिहार विमर्श ), 9599845017


अंबरीश राय


(सामाजिक कार्यकर्ता एवं वाम विचारक), 8800315595


विद्या भूषण रावत,


(सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखक ) 9818261340


मनोज सिंह,


(सोशल मीडिया एक्टिविस्ट एवं संयोजक, एआईपीएफ दिल्ली) 9891621264


गिरिजा पाठक


(राष्ट्रीय संयोजक, एआईपीएफ). 8920791096


आल इंडिया पीपुल्स फोरम, सचिवालय की ओर से जारी.