25 सितम्बर के राष्ट्रव्यापी बंद व प्रतिरोध दिवस पर 6 सौ से ज्यादा जिलों के लगभग एक लाख से ज्यादा स्थानों पर किसान और उनके समर्थन में समाज के अन्य हिस्से सड़कों पर उतरे। 25 से लेकर 5 हजार तक की गोलबंदी के इन कार्यक्रमों में दो करोड़ से ज्यादा लोगों की भागीदारी हुई। यह कोविड दौर में दुनिया भर में और आजादी के बाद भारत के जन आंदोलनों के इतिहास में सबसे बड़ी जन गोलबंदी है।
25 के सफल बन्द के बाद खाद्य सुरक्षा पर 28 सितम्बर को विरोध दिवस