दिल्ली दंगों की न्याययिक जांच की मांग पर वामपंथ का प्रदर्शन

दिल्ली दंगों की न्याययिक जांच की मांग पर वामपंथ का प्रदर्शन


दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली दंगों की जांच , न्याय की अवधारणा के ही खिलाफ है ! दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन की रिपोर्ट देखें या एमनेस्टी इंटरनेशनल की , सब कहती हैं कि दिल्ली दंगों में दिल्ली पुलिस की भूमिका की भी जांच होनी चाहिये . देश की राजधानी में कई दिन हिंसा होती रही लेकिन दिल्ली पुलिस रोक नहीं पाई , आखिर क्यों ? इनकी जांच की कौन कहे उल्टे जांच की जिम्मेदारी ही इन्हें दे दी गयी . इसलिए आज ये हाल है कि दंगों से पहले सरेआम भडकाऊ भाषण देने वालों पर fir तक नही की गई और caa विरोधी कार्यकर्ताओं को जेल में बंद करने से लेकर जांच के नाम पर डराने - फंसाने की कोशिश चल रही है . गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस तो अपने एजेंडे को आगे बढ़ा ही रहे हैं लेकिन इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार की चुप्पी आज दिल्ली के नागरिकों को भारी पड़ रही है . यहां तक कि दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन की रिपोर्ट पर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री का मुंह नहीं खुला . आज दिल्ली की वामपंथी पार्टियों के संयुक्त आह्वान पर दिल्ली के नागरिकों की तरफ से दिल्ली दंगों की स्वतंत्र न्यायिक जांच कराने की मांग उठाई गई . दिल्ली दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की इस लड़ाई को मजबूत करने की जरूरत है .