किसान महासभा ने हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा की





किसान महासभा ने हरियाणा में किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा की



 



14 सितंबर को किसान विरोधी अध्यादेशों के खिलाफ देशव्यापी विरोध में शामिल हों!

 



हरियाणा के कुरुक्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि संबंधी अध्यादेशों का शान्तिपूर्व विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज की अखिल भारतीय किसान महासभा ने कड़ी निंदा की है। किसान महासभा ने लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार जिले के डीएम और एसपी को तत्काल हटाने की मांग की है।



किसान महासभा ने केंद्र की मोदी सरकार को आगाह किया है कि वह कोरोना काल में लाए गए किसान विरोधी तीनों कृषि संबंधी अध्यादेशों को तत्काल वापस ले। बिजली सुधार कानून को वापस ले। अगर मोदी सरकार ने देश की खेती किसानी की तबाही के इन अध्यादेशों को आगामी संसद सत्र में कानून बनाने की कोशिश की, तो उसे देशव्यापी किसान आंदोलन का सामना करना होगा।



किसान महासभा ने कहा कि मोदी सरकार की देश बेचने वाली नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है। अर्थव्यवस्था की तबाही के इस दौर में देश की खेती किसानी ही देश का सम्बल बनी है। पर मोदी सरकार अब इस पर भी हमले कर देश को पूरी तरह से तबाह करने जा रही है। मोदी सरकार देश के किसानों को लुटेरे कारपोरेट व बहुराष्ट्रीय कंपनियों का गुलाम बनाना चाहती है।



देश का किसान किसी भी कीमत पर देश की खेती किसानी की तबाही के दस्तावेजों को बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए देश भर का किसान एकजुट है। aikscc के आह्वान पर आगामी 14 सितंबर को देश भर में किसान इन अध्यादेशों को वापस लेने की मांग पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। अगर मोदी सरकार ने किसानों की न मानी तो देशव्यापी जुझारू आंदोलन खड़ा किया जाएगा।



पुरुषोत्तम शर्मा

राष्ट्रीय सचिव