केंद्र से वार्ता विफल, किसानों का 26-27 नवम्बर को दिल्ली कूच

*अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति*


प्रेस विज्ञप्ति:- दिल्ली


*पंजाब के किसान नेताओं की भारत सरकार के साथ बात बेनतीजा*


*सरकार ने किसानों को कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।*


*किसानों के प्रति नेकनीयती दिखाए सरकार* -


अखिल भारतीय किसान सँघर्ष समन्वय समिति पंजाब के किसान संगठनों की केंद्र सरकार के साथ 7 घंटे लंबी चली वार्ता बेनतीजा रही। पंजाब के किसान नेताओं ने अपनी मांगों को प्रभावशाली तरीके से रखा परंतु सरकार के द्वारा कोई भी ठोस आश्वासन किसानों को नहीं दिया।


यह तय हुआ कि वार्ता भविष्य में भी जारी रखी जाएगी। पंजाब के किसान संगठन अब 18 नवंबर को अपनी बैठक कर भावी रणनीति तय करेंगे।


अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप ने बेनतीजा रही लंबी बात को अपेक्षानुसार बतलाते हुए कहा सरकार ने काले कानूनों को वापस लेने और सभी किसानों को सभी कृषि उत्पादों की एम एस पी कानूनी तौर पर सुनिश्चित करने से इंकार कर दिया।


पंजाब के किसान नेताओं के द्वारा जो मुद्दे सरकार के समक्ष रखे गए उन मुद्दों पर केंद्र सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन तक नहीं दिया गया।


ऐसी स्थिति में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और बलबीर सिंह रजेवाल तथा गुरनाम सिंह चंदुनी के नेतृत्व में काम करने वाले भारतीय किसान यूनियन जैसे मंचों से जुड़े हुए 500 से अधिक किसान संगठनो के नेतृत्व में लाखों किसान 26 - 27 नवंबर को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली कूच करने की घोषणा की है।


अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने देश के किसानों से किसान विरोधी तीनों कानूनों तथा बिजली बिल 2020 को रद्द करने की मांग को लेकर 26-27 नवंबर को दिल्ली कूच की तैयारी को तेज करने की अपील की है।


अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने पंजाब के नागरिकों को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से की जा कार्यवाहियों को बंद कर तत्काल पंजाब के लिए माल गाड़ियां चलाने के गंभीर मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा कोई सकारात्मक निर्णय न लिए जाने की आलोचना करते हुए पंजाब की आर्थिक नाकेबंदी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध जारी रखने की घोषणा की है।