उत्तर प्रदेश व हरियाणा के किसानों ने दी आंदोलन को नई ऊर्जा

 उत्तर प्रदेश व हरियाणा के किसानों ने दी आंदोलन को नई ऊर्जा

सयुंक्त किसान मोर्चा

तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण चल रहे इस आंदोलन को भाजपा सरकार अब "साम्प्रदायिक" रंग दे रही है। सरकार द्वारा जिस तरह से पिछले 3 दिनों से गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर माहौल खराब करने के असफल प्रयास किये है उससे सिद्ध होता है कि पुलिस और भाजपा-आरएसएस के लोगो द्वारा इस आंदोलन को खत्म करना चाहते है। टीकरी धरने पर ऐसे ही असफल प्रयास किये गए।

सयुंक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे किसानो का प्यार देखकर अभिभूत है। सरकार और कई संगठन ये मान चुके थे कि गाजीपुर धरना अब खत्म हो गया है परंतु उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों ने यह फिर से सिद्ध कर दिया कि किसानो के हौंसले बुलंद है।

सयुंक्त किसान मोर्चा द्वारा कल महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर प्रस्तावित "सद्भावना दिवस" पर दिल्ली के सभी बोर्डर्स समेत देशभर के धरनों पर सुबह 9 बजे से 5 बजे तक अनशन रखा जाएगा। किसानों का आंदोलन शांतमयी था और शांतमयी रहेगा। यह दिन सत्य और अहिँसा के विचारों को प्रसारित करने के लिए मनाया जाएगा। सरकार जिस तरह से सुनियोजित झूठ और हिंसा फैला रही है उसकी निंदा और विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा।

हरियाणा में स्थानीय स्तर पर किसान संगठनों और ग्राम पंचायतों में लोगो ने प्रस्ताव पारित कर दिल्ली आने और अन्य सहायता उपलब्ध कराने के कदम की हम प्रशंसा करते हैं। 

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पुलिस द्वारा लगातार हिंसा की कड़ी निंदा करती है। किसान आंदोलन को धरनों के आसपास के निवासियों का पूर्ण सहयोग रहा है। सरकार के लोग उन लोगो को किसानों के खिलाफ भड़का रहे है पर उनकी यह कोशिश असफल है। आसपास के लोग किसानों के साथ अपना दर्द बांटते हुए लंगर और सफाई में अपना योगदान दे रहे है।