गांधी के शहादत दिवस पर बिहार में ऐतिहासिक मानव शृंखला
कुमार परवेज/राम चन्द्र कुलहरि/एड.सूरज त्रिपाठी/नशीर शाह
दिल्ली
तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर 30 जनवरी को गांधी जी के शहादत दिवश पर बिहार में ऐतिहासिक मानव शृंखला में लाखों किसानों व आम नागरिकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन भाकपा माले की पहल पर विपक्षी महागठबंधन की पांचों पार्टियों ने किया था। कार्यक्रम की अगुवाई भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राजद नेता तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के प्रमुख नेताओं ने किया। मानव शृंखला में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजा राम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केडी यादव, शिव सागर शर्मा, राष्ट्रीय कार्यकसरिणी सदस्य उमेश सिंह भी पटना में शामिल हुए। भाकपा माले के सभी 12 विधायक अपने क्षेत्र में बड़ी संख्या में जुटी जनता के साथ इस मानव श्रृंखला में शामिल हुए।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर दिल्ली के चारों बार्डरों सहित पूरे देश में लाखों किसानों ने एक दिवसीय उपवास रखा। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और शाहजहाँपुर बॉर्डर पर किसान संघर्ष मोर्चे के नेता एक दिवसीय उपवास पर बैठे। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रुलदू सिंह मानसा और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेमसिंह गहलावत सिंघू बार्डर पर पंजाब किसान यूनियन के कैम्प में बैठे। किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा गाजीपुर बॉर्डर पर स्थित किसान महासभा के कैम्प में उपवास पर बैठे। चारों बार्डरों पर किसानों के नए-नए जत्थे पहुंच रहे हैं। कोलकाता के धर्मतल्ला स्थित धारणा स्थल में किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड कार्तिक पाल अन्धन पर बैठे। देश भर से किसानों के उपवास की खबरें मिली हैं।
बिहार
तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ महागठबंधन के आह्वान पर आहूत मानव शृंखला का पूरे बिहार में असर देखा गया. आम लोगों ने इस कार्यक्रम को अपना समर्थन देते हुए लंबी-लंबी कतारें लगाईं. जीटी रोड सहित सभी राष्ट्रीय पथों, राज पथों पर भाकपा-माले व महागठबंधन के अन्य दलों ने अपनी ताकत दिखलाई. गया जिले में जीटी रोड यानि एनएच 2 पर बाराचट्टी से लेकर शेरघाटी तक लंबी मानव शृंखला आयोजित की गई. गया-डोभी मार्ग एनएच 83 पर बोधगया में आयोजित मानव शृंखला में सैंकड़ों की तादाद में किसानों की भागीदारी हुई.
अरवल में एनएच 139 व एनएच 110 पर मानव शृंखला आयोजित हुई. इसमें लगभग एक हजार किसानों की भागीदारी हुई.जहानाबाद शहर में पटना-गया मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे-किनारे लंबी कतारें लगीं. सिवान जिले में इस आह्वान का खासा असर देखा गया. वहां शहर में कचहरी ढाला से जेपी चौक होते हुए बबुनिया मोड़ तक एक लंबी कतार लगी. शहर में ही आंदर ढाला से ओवरब्रिज होते हुए सिवान रेलवे स्टेशन तक भी मानव शृंखला आयोजित की गई. मैरवां में मैरवा धाम से गुठनी मोड़ तक, गुठनी चौराहा से सिवान रोड तक, दरौली चौराहा आदि तमाम जगहों पर लंबी कतारें दिखीं. गोपालगंज में गोपालगंज शहर में मौनियां चौक से पोस्ट आॅफिस तक शृंखला का आयोजन हुआ. भोरे प्रखंड मुख्यालय पर भी लंबी कतार लगी.
समस्तीपुर के ताजपुर में ढोल, मंजीरे, डफली लेकर माले कार्यकर्ताओं व महागठबंधन के समर्थकों ने मानव शृंखला लगाई और फिर शहर में गाते-बजाते, कृषि कानूनों को वापस करने के नारे लगाते हुए आकर्षक मार्च भी निकाला. मार्च मंे महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय थी. समस्तीपुर शहर में कलेक्टेरियट के समीप कतार लगी. दरभंगा में एनएच 57 पर शिवधारा (बाजार समिति के समीप), जीवछ गाछ से मोरिया तक, जिला मुख्यालय में समाहरणालय के समक्ष और जाले कमतौल पथ पर कतारें लगाई गईं. लोहिया चरण सिंह काॅलेज के शिक्षक-कर्मचारियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर आज की मानव शृंखला का समर्थन किया और सड़क पर उतर कर अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया. मब्बी में मनरेगा मजदूर सभा के बैनर से ग्रामीण मजदूरों ने भी आज की मानव शृंखला का समर्थन किया और अपनी भागीदारी निभाई.
मुजफ्फरपुर में जिला मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालयों और कई गांव-पंचायतों में आज के कार्यक्रम को लागू किया गया. एनएच 57 पर बोचहां से लेकर गायघाट तक लगभग 10 किलोमीटर लंबी शृंखला बनाई गई. शहर में इंसाफ मंच के कार्यकर्ताओं ने लंबी कतारें सृजित कीं. सकरा, मुरौल, औराई सहित सभी प्रखंड मुख्यालयों पर भी कतारें लगीं. मुजफ्फरपुर-हाजीपुर हाईवे पर तुर्की करहनी के पास लंबी लाइन लगी. शहर के सराउंडिंग एरिया में भी कतारें लगाई गईं. भगवानुपर, जीरो माइल, रामदयालू चौक, गोबरसही आदि तमाम गोलबंरों के इर्द-गिर्द लोग खड़े हुए और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग की.
बेगूसराय में बेगूसराय व बलिया में एनएच 31 पर माले कार्यकर्ताओं ने कतारें लगाईं. तेघड़ा, नावकोठी आदि प्रखंड मुख्यालयों पर भी लोगों की लंबी कतारें देखी गईं. भागलपुर में एनच 80 और नवगछिया में एनएच 31 पर यह शृंखला लगी. खगड़िया में भी यह कार्यक्रम लागू हुआ.
भोजपुर में आरा शहर में स्टेशन गोलबंर से नवादा चौक तक और जगदीशपुर व पीरो अनुमंडल कार्यालयों पर लंबी कतारों का आयोजन हुआ. बक्सर में एनएच 84 पर दो स्थानों ज्योति चैक व ब्रह्मपुर में शृंखला आयोजित हुई ,जिसमें हजारों किसानों की भागीदारी हुई. हिलसा में बड़ी संख्या में वकील समुदाय के लोग सड़क पर उतरे और मानव शृंखला का हिस्सा बनकर किसान आंदोलन का समर्थन किया. इंसाफ मंच के कार्यकर्ता भी आज के कार्यक्रम में पुरजोर तरीके से उतरे. हिलसा के अलावा कराय, इसलामपुर, एकंगर सराय, परवलपुर, थरथरी, नगरनौसा, चंडी, हरनौत आदि प्रखंड मुख्यालयों पर बड़ी संख्या में आम लोग मानव शृंखला में शामिल हुए.
हाजीपुर में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर किसान नेताओं ने गांधी चौक पर एक दिवसीय उपवास व सत्याग्रह किया. त्रिमूर्ति चैक से समाहरणालय तक मानव शृंखला का भी आयोजन किया. सीतामढ़ी के परसौनी, बथनाहा, चुरौत और शहर में मेहसौली चैक से विशाल मानव शृंखला बनाई गई. चंपारण के सिकटा में मुस्लिम महिलाओं की व्यापक भागीदारी आज की मानव शृंखला में देखी गई. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चलने वाले आंदोलन में शामिल महिलाओं ने किसान आंदोलन का समर्थन किया और वे मानव शृंखला की हिस्सा बनीं. पूर्णिया के रूपौली में माले कार्यकर्ताओं ने कतारें लगाईं.
पालीगंज में पटना-औरंगाबाद रोड पर दसियों किलोमीटर की शृंखला बनी. फतुहा, दुल्हिनाबाजार, मसौढ़ी आदि प्रखंड मुख्यालयों पर भी कतारें लगीं. अन्य जिला मुख्यालयों पर भी आज का कार्यक्रम लागू हुआ. रोहतास, कैमूर, जमुई, लखीसराय, कटिहार, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, सारण, सुपौल आदि जिला मुख्यालय पर भी लाल झंडे का हुजूम दिखलाई पड़ा.
उत्तर प्रदेश
अखिल भारतीय किसान महासभा (AIKm,)मथुरा के नेतागणों ने गाजीपुर बॉर्डर पर 29जनवरी को अपने कैम्प पर पहुंच कर किसानों की एकजुटता में हिस्सा लिया. आज 30जनवरी को बाजना क्षेत्र के आस पास के गावों के किसानों की भारी भरमक भीड़ की किसान पंचायतने दिल्ली बॉर्डर परकृषि कानूनों को रद्द करनेकी मांग के आंदोलनरत किसानों का समर्थन किया तथासमस्या का विना हलकिये, साजिश कर वहां से बलपूर्वक हटाने की योगी -मोदी सरकार की घोर निंदा की गई. मुख्य रूप से पंचायत मे उपस्थित रालोद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने अपना पूर्ण समर्थन देते हुये काले क़ानून वापस न होने तक आंदोलन को तेज गति देने का जनता से आह्वान किया. हजारों किसानों की भीड़ में महासभा के राज्य उपाध्यक्ष नत्थीलाल पाठक, राज्य कमेटी सदस्य मनोज वर्मा, जिला अध्यक्ष गेंदा लाल, जिला मंत्री राकेश चौधरी, जिला सयुक्त मंत्री तारा सिंह, चौधरी लछमी नारायण, मास्टर सलीम खान, डाक्टर चंद्रभानसिंह, कप्तान खान, तेरे सिंह, प्रताप सिंह होसियार सिंह, एजेन्द्र सिंह, चंद्रपाल सिंह, नेपाल सिंह. दिनेश, विष्णु पाठक, दिगम्बर सिंह, उदयवीर सिंह प्रेमपाल सिंह, आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे. किसानों ने काले क़ानून रद्द करो, एम एस पी की गारंटी का नया क़ानून वनाओ, दमनकारी तानाशाह सरकार मुर्दाबाद, चाहे जो मज़बूरी हो मांग हमारी पूरी हो.आवाज दो हम एक हैं. अभी तो ली अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है. जो हम से टकराएगा चूर चूर हो जायेगा. किसान एकता जिंदाबादआदि गगन भेदी नारे लगाये.
मध्य प्रदेश
आज 30 जनवरी 2021 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश की आजादी की जंग देश की आजादी की जंग में हजारों हजारों जिन शहीदों ने कुर्बानियां दी उनको याद किया गया धरना स्थल पर दिनभर उपवास रखा गया और उसी स्थल पर देवेंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में आमसभा की गई जिस का संचालन सूरज रेखा त्रिपाठी ने किया इस सभा को अनिल डेउनेरिय बीके बोहरे, श्याम सुंदर यादव, सूरज रेखा त्रिपाठी श्री अशोक शर्मा आदि ने संबोधित किया सभा के अंत में लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर देश की रक्षा संविधान की रक्षा लोकतंत्र की रक्षा और देश के किसानों की रक्षा करने का संकल्प लिया और यह भी संकल्प लिया कि जब तक अन्नदाता किसान का ऐतिहासिक किसान आंदोलन सफल नहीं हो जाता मोदी की सरकार किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को रद्द नहीं कर देती और जब तक एमएसपी गारंटी कानून लागू नहीं करती तब तक किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से घोषणा की गई यह आंदोलन केवल किसानों का आंदोलन नहीं है अब महिलाओं का छात्रों का युवाओं का मजदूरों का और देश की आम जनता का आंदोलन बन गया है यह एक युद्ध है जिसे मोदी सरकार ने अडानी अंबानी और अन्य देशी-विदेशी निगमों के साथ सांठगांठ करके जनता के खिलाफ छेड़ा है आज हर देशभक्त नागरिक का कर्तव्य है कि वह इस युद्ध में भी मोदी सरकार के खिलाफ किसानों के पक्ष में मजबूती से खड़े हो सभा में यह भी मांग की गई कि मोदी सरकार देश की जनता को बताएं किसान आंदोलन को विफल करने के लिए आपने एक छोटे से तबके को उस रास्ते पर जाने की इजाजत दी जो लाल किला तक जाता है और उसी तबके ने आजादी की जंग का प्रतीक तिरंगा झंडा और लाल किले को कलंकित किया मोर्चे ने कहा कि मोदी सरकार तिरंगे झंडे को अपमानित करने के लिए दोषी है मांग की गई मोदी सरकार दुर्भावनापूर्ण प्रचार को तुरंत बंद करें और देश की जनता से माफी मांगए। दिन भर चले इस कार्यक्रम में अवधेश प्रताप सिंह गुड्डू नेकराम साकरी श्री कृष्ण, बाल वीर, विनोद कुमार सुमन बच्चू लाल हरसाना जनार्दन रेड्डी प्रभु देवा महेश चंद जैन मुन्नालाल बाथम गोपाल गुप्ता शैलेंद्र सिंह भदोरिया शिव कुमार निषाद कुरेशी प्रदेश महामंत्री लोजपा रईस खान हकीम खान कमरुद्दीन रामसेवक हरि सिंह को गौरीशंकर नरवरिया रण बहादुर सिंह भदोरिया वंदना गोयल बबली गोयल अर्पित गोयल रागिनी गोयल मंजू तोमर बिंदु प्रीति रेखा रश्मि राहुल जाटव नदीम खान साहिल खान शकील खान जोया खान नसीम बेगम कमल जाटव आदि सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे.
राजस्थान
बुहाना • 30 जनवरी • आज शहीद दिवस पर संयुक्त किसान मोर्चा के अनशन व सद्भावना दिवस मनाने के राष्ट्रव्यापी आव्हान पर अखिल भारतीय किसान महासभा की तरफ से बुहाना तहसील के सामने शहीद दिवस को सद्भावना दिवस के रुप में मनाया गया । इस अवसर पर उपस्थित धरनार्थियों ने एक दिवसीय धरना दिया । धरनार्थियों ने शुरू में दो मिनट का मौन धारण कर सांप्रदायिक सद्भाव के नायक महात्मा गांधी व किसान आंदोलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई । इस अवसर पर धरनार्थियों ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार द्वारा भाजपाई गुंडों के द्वारा पुलिस के साथ मिलकर या नकली स्थानीय नागरिक बनकर किसान आंदोलनकारियों पर तथा विशेष तौर पर सिक्खों पर हमले करवाकर दंगे भङकाने की साजिश करने की निंदा की गई । धरनार्थियों ने एक स्वर में लालकिला प्रकरण के मुख्य अभियुक्त भाजपाई दीप सिद्धु व लखा सधाना को भगाने की कार्यवाही बंद कर उनको तुरंत गिरफ्तार करने व निर्दोष किसान नेताओं पर फर्जी मुकदमें बनाने बंद करने की मांग की ।
अनशनकारियों में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड फूलचंद ढेवा, राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचन्द्र कुलहरि, जिला अध्यक्ष कामरेड ओमप्रकाश झारोङा, प्रखंड अध्यक्ष कामरेड रामकुमार यादव, जिला उपाध्यक्ष कामरेड इंद्राज सिंह चारावास, कामरेड सूरजभान सिंह, भाकपा माले के प्रखंड सचिव कामरेड रामलाल कुमावत, कामरेड हरी सिंह वेदी,कामरेड रामेश्वर मैनाना, इंकलाबी नौजवान सभा के कामरेड वासुदेव शर्मा, कामरेड अशोक नेहरा, जसवीर नेहरा, रामचन्द्र नेहरा, जगमाल सिंह पुहानिया, जसवंत वेदी चितौसा, संदीप, रुपचंद, बलबीर मेघवाल, सुराश गुप्ता, कामरेड सोमवीर, सज्जनपाल पालोता, अनुप यादव, जगदीश गुर्जर, विजय सिंह सांतङिया, विक्रम सिंह चितौसा, रामफल शामिल थे।