लखनऊ में हुई किसान महापंचायत, धरने को एक माह पूरा

लखनऊ में हुई किसान महापंचायत, धरने को एक माह पूरा

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 15 फरवरी को लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में एक बड़ी किसान महापंचायत हुई। भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक द्वारा आयोजित इस किसान महापंचायत में हजारों किसानों की गोलबंदी हुई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश की तराई के बाद अब अवध क्षेत्र में किसान आंदोलन की इस धमक ने सत्ता और मीडिया के द्वारा फैलाए जा रहे इस प्रचार को बेनकाब कर दिया है कि आंदोलन का प्रभाव सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। बीकेयू लोकतांत्रिक द्वारा चलाये जा रहे इस धारावाहिक आंदोलन को अखिल भारतीय किसान महासभा के भी समर्थन प्राप्त है।

ज्ञातव्य हो कि बीकेयू लोकतांत्रिक की ओर से 17 जनवरी से ही यहां पर तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर निरंतर धरना दिया जा रहा है। 26 जनवरी की रात को उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसानों के धरनास्थल को जबरन उखाड़ कर उनका टेंट व सामान जब्त कर लिया था और धरना स्थल को जेसीबी से खुदवा दिया था। इस पुलिया दमन के खिलाफ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष  पास में ही धरना लगाकर भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। एक हफ्ते बाद प्रसाशन को मजबूर होकर टेंट व सामान वापस करना पड़ा और पुराने धरने स्थल को समतल कर वहां धरना जारी रखने की इजाजत देनी पड़ी।

बीकेयू लोकतांत्रिक के अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान ने बताया कि अब वे अवध क्षेत्र के कई जिलों में किसान महापंचायतों की योजना बना रहे हैं। उसके बाद लखनऊ में एक और बड़ी किसान महापंचायत बुलाई जाएगी।