केंद्रीय बजट में किसानों, मजदूरों की उपेक्षा के खिलाफ पी.एम.का पुतला दहन

 केंद्रीय बजट में किसानों, मजदूरों की उपेक्षा के खिलाफ पी.एम.का पुतला दहन

शम्भू नाथ /विशेश्वर यादव

पटना सिटी 3फरवरी। केंद्रीय बजट में किसानों, मजदूरों की घोर उपेक्षा के खिलाफ जल्ला किसान संघर्ष समिति एवं भाकपा (माले ) ने जुलूस निकाल कर,जे.पी. चौक, नाला पर चौकशिकारपुर में पी.एम. का पुतला फूंका । भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता एवं जल्ला किसान संघर्ष समिति के सचिव अखिल भारतीय किसान महासभा, बिहार के उपाध्यक्ष शंभू नाथ मेहता ने कहा -जब देश के लाखों किसान खेती में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी देने की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं तब मोदी सरकार ने खेती का बजट 1.42लाख करोड़ से घटाकर 1.31लाख करोड़ कर दिया है।पीएम किसान समयमान निधि को 15.4%घटा दिया है। स्पष्ट है कि अब और कम किसानों को यह पेंशन मिलेगा। पी एम ने 2022तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने की घोषणा की थी लेकिन कृषि बजट द्वारा घोषणा  के विपरित दिशा में काम किया गया है। बटाईदार पट्टेदार  किसान जो राज्य में सबसे अधिक संख्या में खेती करते हैं उनके लिए तो बजट में चर्चा तक नहीं है। कार्यक्रम का नेतृत्व जल्ला किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनोहर लाल, सचिव शंभू नाथ मेहता किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र पटेल ने किया। मौके पर उपसचिव चंद्र भूषण शर्मा, रंजन मेहता, मंटू मेहता, जगन्नाथ प्रसाद मेहता, मनोज तिवारी, कृष्ण कुमार,श्रवण मेहता, मुकेश कुमार, अविनाश, माले नेता ललन यादव, रामबाबू, मिथिलेश सिंह, बजरंगी, गोपाल प्रसाद,उमा गोप, महेश चंद्रवंशी, रविन्द्र प्रसाद, उमेश पासवान आदि उपस्थित थे।

अखिल भारतीय किसान महासभा के देशव्यापी प्रतिवाद दिवस के अवसर पर राजापाकर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर  हॉट पर किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुमन कुमार किसान नेता महताब राय राजेंद्र राय रामचंद्र साहनी कामेश्वर पासवान के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन करने के बाद सभा की गई जिले के अक्षयवत राय नगर स्टेशन बाजार पातेपुर लालगंज सहित दर्जनों जगहों पर पुतला दहन किया गया सभाओं को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा की 6 फरवरी को जिले के सभी मार्गों को जाम किया जाएगा इंटरमीडिएट परीक्षा को देखते हुए यह जाम 2:00 बजे दिन से 3:00 बजे दिन के बीच होगा ताकि परीक्षार्थियों को दिक्कत नहीं हो नेताओं ने कहा कि मोदी की सरकार में ऐसा बजट पेश किया है जिसके कारण कोविड महामारी और लॉकडाउन के कारण बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था का भार देश की जनता पर डाल दिया गया है लंबे समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने छोटे मझोले किसानों माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से ऋण लेने वाले स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कर्ज माफ करने की मा ग उठते रहा है लेकिन बजट में इस पर ध्यान नहीं दिया गया