राजद्रोह कानून का दुरुपयोग कर रही सरकार

 दिशा रवि की गिरफ्तारी को SC के पूर्व जज ने बताया ग़लत

(कैलाश प्रकाश सिंह की फेसबुक वॉल से)

अब सुप्रीम कोर्ट के जज और वकील भी पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के विरोध में आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने दिशा की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया है।

इससे पहले किसानों, विपक्षी नेताओं, एक्टिविस्ट्स और कई पत्रकारों ने दिशा के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था।

पूर्व न्यायाधीश ने दिशा रवि की गिरफ्तारी का कारण बने ‘टूलकिट’ के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें इसमें कुछ भी “देशद्रोह” जैसा नहीं दिखा। उन्होंने कहा कि इस देश के हर नागरिक को सरकार का विरोध करने का अधिकार है।

जस्टिस गुप्ता ने ये बातें एनडीटीवी पर दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर एक पैनल चर्चा के दौरान कहीं।

रवि को भारत के खिलाफ असहमति पैदा करने, सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने, आपराधिक षड्यंत्र आदि के अलावा देशद्रोह से संबंधित अपराधों के लिए सोशल मीडिया पर किसानों के विरोध से जुड़े “टूलकिट” पर दर्ज एक मामले में बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया था।

जिसके बाद 14 फरवरी को दिल्ली के एक मजिस्ट्रेट ने उन्हें 5 दिन की हिरासत में भेज दिया था।

जस्टिस गुप्ता ने कहा कि दिशा की गिरफ्तारी बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है और हर नागरिक को यह अधिकार है कि वो सरकार का शांतिपूर्वक विरोध करे।

जस्टिस गुप्ता ने जब ये बात कही तो उनके साथ वरिष्ठ वकील रेबेका एम जॉन, सिद्धार्थ लूथरा, विकास सिंह और एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ भी मौजूद थे।

टूलकिट पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस गुप्ता ने कहा, “मैं देख रहा हूं कि हिंसा के संबंध में जिस टूलकिट का ज़िक्र किया जा रहा है, उसमें कुछ भी लोगों को उकसाने वाला नहीं है … मैं नहीं देख पा रहा कि इस दस्तावेज में क्या देशद्रोही है।

कोई प्रदर्शनकारियों के साथ सहमत हो सकता है या नहीं, यह एक अलग मामला है। लेकिन यह कहना कि यह देशद्रोह है, ये कानूनी रूप से समझ के परे है”।

जस्टिस गुप्ता ने कहा कि देशद्रोही कानून का आज पूरी तरह से दुरुपयोग हो रहा है। ये कानून साम्राज्यवादी, उपनिवेशवादी शासक, ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अपने ख़िलाफ़ उठने वाली आवाज़ों को दबाने के लिए लागू गया था। आज भी इस कानून का इस्तेमाल ब्रिटिश साम्राज्य की तर्ज़ पर किया जा रहा है।

बोलता हिंदुस्तान/

Rani Rajesh