गरीब की थाली से भोजन छीन देंगे तीन कृषि कानून

गरीब की थाली से भोजन छीन देंगे तीन कृषि कानून

पुरुषोत्तम शर्मा


5 मार्च 2021 को किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जालौन जिले के महेबा ब्लॉक स्थित मुसमरिया में " किसान- मजदूर पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली से आये  अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने ऐलान किया कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी तक देश के किसानों का आन्दोलन जारी रहेगा।    

अखिल भारतीय किसान महासभा के तत्वावधान में मुसमरिया के महुआ वाले बाग में आयोजित किसान मजदूर पंचायत में कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि यह तीनों कानून खेती, किसानी और खाद्य सुरक्षा की गुलामी के दस्तावेज हैं। जिन्हें कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. 

उन्होंने कहा कि 2008 और 2020 की विश्व व्यापी आर्थिक मंदियों से कारपोरेट जगत और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने यह सबक लिया है कि आम आदमी की क्रय शक्ति घटने से उपभोक्ता मालों की मांग कम हो गई है, लेकिन खाद्यान्न और पानी का बाजार तब तक बना रहेगा जब तक पृथ्वी पर मानव जीवन बचा रहेगा। इसलिए कारपोरेट और बहुराष्ट्रीय कम्पनियां दुनिया भर की सरकारों पर दबाव डालकर ऐसे कानून बनवा रहीं हैं, जिससे खाद्यान्न बाजार पर उनका एकाधिकार हो जाए। 

कामरेड शर्मा ने कहा मोदी सरकार के यह तीन कृषि कानून भी डब्ल्यूटीओ, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और कारपोरेट कम्पनियों के दबाव में लाए गये हैं. इन कानूनों के आने से पहले ही मोदी के चहेते गौतम अडानी ने 12 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बना लिए हैं। अगर मोदी सरकार का नया मंडी कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन यह कानून लागू हो गये तो देश का सारा खाद्यान्न अडानी जैसे कारपोरेट के गोदामों में कैद हो जाएगा। इसके बाद मोदी सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये गरीबों को मिलने वाले सस्ते राशन को समाप्त कर देगी। जिससे देश के करोड़ों गरीबों की थाली से भोजन छिन जाएगा। 

कामरेड शर्मा ने कहा कि अपने गोदामों में भरे अनाज से कारपोरेट मनमाना मुनाफा कमाएगे और अगर उन्हें गरीबों की थाली में भोजन देने से ज्यादा मुनाफा शराब और इथेनॉल बनाने से होगा तो वे सारे अनाज का शराब और इथेनॉल बनाएंगे। इससे देश के सामने खाद्यान्न का गम्भीर संकट खड़ा हो जाएगा। इसलिए देश के किसानों मजदूरों और गरीबों के सामने इन कानूनों को वापस कराये जाने तक इस लड़ाई को जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. 

किसान नेता मलखान सिंह यादव ने कहा कि मोदी सरकार देश के किसानों- मजदूरों को तबाह करने पर आमादा है, इसलिए किसानों मजदूरों को एकताबद्ध होकर इस आन्दोलन को जीत की मंजिल तक पहुँचाना होगा. किसान महासभा के प्रदेश प्रवक्ता का0 रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि देश की जनता अम्बानी- अडानी के कम्पनी राज को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी उन्होंने कहा कि अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ ऐतिहासिक भूमिका निभाने वाली बुन्देलखण्ड की जनता इस नयी गुलामी के खिलाफ संघर्ष में पीछे नहीं रहेगी।

किसान- मजदूर पंचायत की अध्यक्षता कर रहे जिले के मजदूर नेता और जिले के किसान संघर्ष मोर्चा के नेता का0 कैलाश पाठक ने किसान आन्दोलन को पूरी ताकत के साथ खड़ा करने का आवाहन किया. पंचायत में किसान नेता का0 शिव वीर सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला संयोजक का0 राजीव कुशवाहा, शिक्षक नेता का0 गिरेन्द्र सिंह, का0 रामकृष्ण शुक्ल,कृष्ण पाल सिंह, सुरेन्द्र सिंह सरदेसाई, सुरेश निरंजन उर्फ भैया जी, बृजेन्द्र सिंह, महिला नेत्री सरोज, दीप माला, प्रदीप दीक्षित, बृज लाल खाबरी, ने सम्बोधित किया. किसान- मजदूर पंचायत का संचालन ऐक्टू के प्रांतीय नेता का0 चौधरी राम सिंह ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में का0 अश्वनी तिवारी, का0 विजय भारतीय, का0 विनोद सिंह, का0 पोटे सिंह आदि ने भारी योगदान दिया.