लंबे संघर्ष की तैयारी के इंतजाम कर रहे किसान

*पंजाब में किसान आंदोलन के 8 महीने पूरे : 100 से ज्यादा जगह पक्के मोर्चे* 

तीन कृषि कानूनो के खिलाफ  देश के किसानों की लंबी लड़ाई चल रही है। पंजाब का इस लड़ाई का अहम योगदान है। पिछले साल सितम्बर से पंजाब में मोर्चे लगने लग गए थे। आज पंजाब में आंदोलन शुरू हुए 8 महीने हो गए है। पंजाब के किसानों के संघर्ष का परिणाम है कि राज्य में किसी भी टोल प्लाजा पर टैक्स नहीं लिया जा रहा है। पंजाब के किसान ना सिर्फ सरकारों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है, बल्कि देश के बड़े कॉरपोरेट्स घरानों के खिलाफ भी बड़ी जंग छेड़े हुए है। किसानों ने हर मौसम में अपने आप को मजबूत रखते हुए सरकार व कॉर्पोरेट के खिलाफ डटकर लड़ाई लड़ी है। पंजाब में 100 से ज्यादा जगहों - टोल प्लाजा, शॉपिंग मॉल, पेट्रोल पंप एवं अन्य स्थानों पर किसानों के शांतमयी धरने चल रहे हैं। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाती।

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को 6 महीने पूरे हो गए। जब किसान पिछले नवंबर में दिल्ली कूच के लिए आए थे तब उनके पास 6 महीने की तैयारियां थी। अब संघर्ष तेज और लंबा होता जा रहा है, इसको ध्यान में रखते हुए किसानों और संयुक्त किसान मोर्चा ने यहां पर उचित प्रबंध भी कर लिए हैं। सिंघु बॉर्डर पर गोल्डन हट पर पहले पानी लंगर और रहने की पूरी सुविधा थी। अब यहां पर सैकड़ों किलो दूध की सेवा रोज हो रही है। साथ ही अन्य समाज कल्याण के संगठनों ने भी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के लिए रहने, खाने , मेडिकल और अन्य जरूरी सेवाओं के इंतजाम किए हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा तमाम संगठनों एवं सहयोगियों का अभिनंदन करता है जिन्होंने किसान आंदोलन का किसी भी रूप में समर्थन किया है व किसानों को सुविधाएं प्रदान की है। किसानों का यह आंदोलन एक लंबी लड़ाई है। केंद्र सरकार इन कानूनों को वापस न लेते हुए, किसानों को अन्य मुद्दों में उलझा कर उनके सब्र की परीक्षा ले रही है परंतु किसानों के लगातार जोश ने सरकार को मजबूर किया हुआ है। आने वाले समय में यह लड़ाई ओर भी मजबूत होगी और सरकार को झुकना पड़ेगा।

राजस्थान के बिजोलिया किसान आंदोलन के मुख्य नेता विजय सिंह पथिक का आज स्मृति दिवस है विजय सिंह पथिक एक प्रगतिशील किसान नेता होने के साथ-साथ एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जन आंदोलनों के माध्यम से किसानों, ग्रामीणों समेत समाज के हर वर्ग को जागरूक किया। विजय सिंह पथिक ने बौद्धिक विकास के लिए अनेक पत्रिकाओं व अखबार का संपादन भी किया। वे राजस्थान व मध्य प्रदेश के किसानों के आदर्श हैं। संयुक्त किसान मोर्चा आज उनकी स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि भेंट करता है और उन्हें नमन देता है।