बिहार में लाखों मीट्रिक टन गेहूं खरीद घोटाला


सुदामा प्रसाद
(किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व विधायक)

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया है कि "बिहार में सर्वाधिक 4.56 लाख मीट्रिक टन गेहूं की अब तक रिकॉर्ड खरीद हुई है"। यह सिर्फ झूठ का पुलिंदा मात्र है। गेहूं की तथाकथित रिकॉर्ड खरीद पिछले कई सालों से बिहार में वास्तविकता से दूर कागज पर हो रही लाखों मीट्रिक टन धान खरीद की तरह ही कागजी आंकड़ा भर है। 

यह बात आज अखिल भारतीय किसान महासभ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और माले विधायक सुदामा प्रसाद ने कही। उन्होंने कहा जब 1 मई से संपूर्ण बिहार में लॉकडाउन लागू है और प्रखंडों व पैक्सों में ताले लटक रहे हैं तो नीतीश सरकार बताए किसानों से सरकारी स्तर पर कब और कहां गेहूं की खरीद हुई?

कामरेड सुदामा ने कहा 15 मई तक जरूरतमंद किसानों ने अपने घरों में शादी-ब्याह व आगामी खेती के मद्देनजर स्थानीय व्यापारियों व बिचौलियों के हाथों ओने-पौने दाम पर अपना गेहूं बेच दिया था। वही गेहूं सरकारी एजेंसियों के जरिए कागजी हेरा-फेरी कर सरकारी गोदामों में पहुंचा दिया गया। उन्होंने कहा बिचौलियों और अधिकारियों की मिली-भगत ही अगर गेहूं की रिकार्ड खरीद है।

उन्होंने कहा गेहूं खरीद घोटाले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए।