किसान महासभा
प्रेस विज्ञप्ति
अखिल भारतीय किसान महासभा (AIKM) ने नर्मदा घाटी के आदिवासी, किसान, मजदूर, मछुआरे आदि समुदायों के साथ दशकों से कार्यरत, संयुक्त किसान मोर्चा में सक्रिय समाज सेवी मेधा पाटकर और उनकी संस्था के खिलाफ की गई झूठी एफआईआर तुरन्त वापस लेने की मांग की है। किसान महासभा ने इस कार्यवाही को भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों से प्रतिशोध लेने की निंदनीय कार्यवाही बताया है।
इस मामले में शिकायतकर्ता प्रितमराज बडौले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवम भाजपा से सीधे जुड़ा व्यक्ति है। भीमा कोरेगांव केश में फंसाये गए बुद्धिजीवियों, उत्तरी दिल्ली दंगों में साजिशन फंसाये गए सीएए विरोधी आंदोलनकारियों, तीस्ता सीतलवाड़, जुबेर और अब मेधा पाटकर के खिलाफ एफआईआर बताती है कि केंद्र की सत्ता व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर एक साजिश के तहत भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाने पर ले रही है। यह कार्यवाहियां लोकतंत्र और राजनीतिक विरोध के संवैधानिक अधिकारों पर सीधे हमला हैं और मोदी राज के अघिषित आपातकाल के सबूत हैं।
किसान महासभा प्रसिद्ध समाजसेवी और आन्दोलनकारी मेधा पाटकर के खिलाफ की गई एफआईआर की कड़ी निंदा करते हुए उसे तत्काल वापस लेने की मांग करती है।
पुरुषोत्तम शर्मा
राष्ट्रीय सचिव-AIKM
12 जुलाई 2022